उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में बसपा पहली बार अपना भाग्य आजमाने उतर रही है। उत्तर प्रदेश के शहरी निकाय चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक की है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को हिदायद देते हुए कहा कि इस बार कोई भी निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेगा। निकाय चुनाव में बसपा पहली बार दावेदारी पेश कर रही है।
इस दौरान बसपा सुप्रीमो ने मीडिया और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। बसपा नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा निकाय चुनावों का माहौल खराब करने पर तुली हुई है। पार्टी ने मीडिया को आड़े हाथ लेते हुए यह आरोप लगाया कि मीडिया का एक हिस्सा बसपा के अस्तित्व को झूठा साबित करने पर लगा है। बसपा का आरोप है कि भाजपा वंशवाद की राजनीति पर उतर आई है।
पार्टी ने अपने बयान में कहा कि बसपा अम्बेडकर के सोच की पार्टी है। बसपा ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का समर्थन करते हुए कहा कि यह दोनों पार्टियां भी परिवारवादी नहीं है। बसपा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हिमाचल और गुजरात के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रुख को देखते हुए गठबंधन का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है।
हालाँकि बसपा ने यह साफ कर दिया है कि वह सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए किसी सेक्युलर पार्टी से हाथ मिलाने के लिए राजी है, और उनके साथ विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में है। लेकिन अगर ऐसा तभी होगा जब सम्मानजनक सीटें मिलेंगी।
पार्टी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार वादा करके अपने वादे से मुँह फेर ले रही है, भाजपा के इस रवैये से जनता परेशान है। इसको रोकना बहुत जरुरी हो गया है इसलिए बसपा ने निकाय चुनाव में उतरने का फैसला लिया है।