पाकिस्तानी उच्च अदालत ने सोमवार को दो हिन्दू लड़कियों की सुरक्षा की चिंता जाहिर करते हुए उन्हें आधिकारिक संरक्षण में रखने का आदेश जारी किया है। नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन किया और युवकों से उनका निकाह कर गया था।
लड़कियों को होली की शाम को सिंध प्रान्त के घोटकी जिले में स्थित उनके घर से एक प्रभावशाली समूह ने अगवा कर लिया गया था। अपहरण के बाद दोनों बच्चियों के निकाह की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थी। 20 मार्च को परिवार ने जबरन धर्मांतरण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
अपहरण के बाद दोनों बच्चियों के निकाह की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थी। सोशल मीडिया पर दो वीडियो के वायरल हो जाने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस घटना की जांच करने के आदेश दिए थे।
रायटर्स के मुताबिक मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च अदालत ने हिन्दू लड़कियों और उनके शौहरो द्वारा याचिक दायर के बाद यह आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश अथर मिनल्लाह ने इस मामले की सुनवाई की है। जज में याचिका पर सुनवाई के बाद इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर और मानव अधिकार के डायरेक्टर जनरल की हिरासत में सौंप दिया था।
उन्होंने आदेश दिया कि लड़कियों की सुरक्षा के लिए एक महिला पुलिस अधीक्षक उनके साथ तैनात रहेंगी। अदालत ने 2 अप्रैल से पहले इस केस की जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाली दो नाबालिग लड़कियों का कोहबर और मालिक जनजाति के लोगों ने 21 मार्च को अपहरण किया है। अपहरण की गयी लड़कियों के भाई ने आरोप लगाया कि बालविवाह से पूर्व लड़कियों का अपहरण किया गया और उनका धर्म परिवर्तन कराया गया था।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार 12 से 25 साल तक की लड़कियों का अपहरण किया जाता है और फिर उनका धर्मांतरण कर उनकी शादी उनके अपहरणकर्ता से कर दी जाती है।
नाबालिग बच्चियों का निकाह कराने वाले काजी ने कहा कि “स्वेच्छा से लड़कियों ने इस्लाम में धर्मपरिवर्तन किया था।” बहरहाल, सिंध विधासभा द्वारा पारित बिल के मुताबिक यह शादी और धर्मपरिवर्तन कानून का उल्लंघन है। इस कानून के तहत बच्चों का उनके वाल्दीन की गैर मौजूदगी में धर्मपरिवर्तन नहीं किया जा सकता है।