इजराइल और हमास ने सोमवार रात को एक-दूसरे पर रॉकेट से हमला किया था। इससे गाजा पट्टी में नए संघर्ष के शुरू होने का भय है। गाजा पट्टी पर इजराइल की सेना ने हमास टेरर टारगेट के खिलाफ हमला किया है। इजराइल के तेल अवीव पर हुए रॉकेट हमले के बाद एक परिवार का घर उजाड़ गया था और सात लोग बुरी तरह जख्मी हुए थे।
टाइम्स ऑफ़ इजराइल के मुताबिक इजराइल की सेना ने गज़ा पट्टी पर हमास के नेता इस्माइल हनिये के दफ्तर और मध्य गज़ा शहर में पांच मंजिला ईमारत को निशाना बनाया था। इजराइल के मुताबिक यह हमास का आंतरिक सुरक्षा कार्यालय है। गज़ा के चरमंथियों ने इजराइल के सदेरोट शहर की तरफ करीब दस रॉकेट दागे थे। हालांकि इससे इजराइल में किसी हताहत की कोई सूचना नहीं मिली हैं।
सोमवार को हमास ने ऐलान किया कि हवाई हमला मिस्र के मध्यस्थतों ने किया किया था। इसके कुछ देर बाद ही इजराइल ने गज़ा पर रॉकेट दाग दिया था। गज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि “इस हवाई हमले में पांच लोग घायल हो गए थे।”
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर है और इस दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प ने नहे बेहतरीन तोहफे से नवाज़ा है। व्हाइट हाउस ने बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि “इस अभियान के नेतृत्व के लिए वह अमेरिका का दौरा जल्द रद्द कर रहे हैं। इजराइल इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूँगा। जैसे मैंने कहा था, इजराइल इस आक्रमकता पर जबरदस्त प्रतिक्रिया देगा।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने हमास के हमले को भयानक बताया और कहा कि अमेरिका ने इजराइल को बचाव का अधिकार दिया है। इजराइल में 9 अप्रैल को चुनावो का आयोजन होगा। ग़ज़ा की अर्थव्यवस्था को इजराइल और मिस्र ने निचोड़ लिया है और वेस्ट बैंक पर फिलिस्तानी विभाग ने प्रतिबन्ध लगा रखे हैं, इसके कारण हमास पर भी अत्यधिक राजनीतिक दबाव है।
बीते एक दशक में हमास और इजराइल ने तीन संघर्षों को झेला है। साल 2014 से दर्जनों छोटे युद्ध का सामना किया है। सोमवार को हुए मिसाइल हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच मतभेद बढ़ गये हैं। आगामी दो सप्ताह में आम चुनावों के कारण प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर चरमपंथियों के खिलाग कड़ी कार्रवाई के लिए विपक्षियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है।
इजराइल सैन्य प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि “75 मील की मारक क्षमता तेलअवीव पर दागा गया था।” बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि “इजराइल के दुश्मनों के लिए मेरा एक स्पष्ट सन्देश है। जो हमारे देश और आवाम को बचाने के लिए जरुरी होगा हम उसे करेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात के बाद मैं इजराइल वापस लौट जाऊंगा।” नतीजतन, बेंजामिन नेतन्याहू का डोनाल्ड ट्रम्प के साथ रात्रि भोज को रद्द कर दिया। साथ ही इजराइल समर्थक अमेरिका समूह का सम्बोधन भी रद्द कर दिया है।
हारेट्ज़ के मुताबिक हमास के अधिकारी ने फ्रांस प्रेस न्यूज़ एजेंसी से कहा कि “इस हमले के पीछे हमास का हाथ नहीं है। साथ ही बताया कि ख़राब मौसम के कारण भी रॉकेट आटोमेटिक फायर हो गया होगा।” इजराइल के प्रधानमंत्री ने डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की और अमेरिकी राष्ट्रपति ने गोलन को इजराइल का हिस्सा मानने की स्वीकृति दे दी थी। इजराइल ने यह क्षेत्र साल 1967 में सीरिया से छिना था।
नेतन्याहू ने कहा कि “यह वाकई एक ऐतिहासिक दिन है। हम सैन्य जीत को कूटनीतिक विजय में परिवर्तित कर सकते हैं।गोलन हमारी रक्षा के लिए अमूल्य है। इजराइल ने इस क्षेत्र को आत्मरक्षा की जंग के दौरान अपने आधिपत्य में लिया था।यहूदी लोगों की गोलन से जड़े हज़ारो साल पहले से जुड़ी हुई हैं।”
डोनाल्ड ट्रम्प के ऐलान को सीरिया ने उसकी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर जबरदस्त हमला बताया था और कहा कि गोलन पर दोबारा दावा करना हमारा अधिकार है।
इजराइल गाजा विवाद
गाजा पट्टी इजराइल से सटकर एक इलाका है, जो इजराइल-फिलिस्तीन विवाद का भी एक हिस्सा है।
अंतराष्ट्रीय नियमों के अनुसार गाजा फिलिस्तीन का हिस्सा है, लेकिन इजराइल का मानना है कि इस इलाके में फिलिस्तीन आतंकवादी रह रहे हैं, जो इजराइल को समय-समय पर निशाना बनाते रहते हैं।
दोनों देशों के बीच साल 2005 से यह विवाद चला आ रहा है। तबसे अब तक ढेरों बार दोनों देश एक दुसरे पर छोटे-मोटे हमले कर चुके हैं।
इससे पहले पिछले साल नवम्बर में दक्षिणी गाजा पट्टी पर इजराइल की सेना नें रेड डाली और सात फिलिस्तीनी आतंकवादियों को मार गिराया था। इसमें एक इसराइली सैनिक की मौत हो गयी थी।
इसके बाद जवाब में गाजा नें कई राकेट इजराइल की ओर लांच किये, जिसमें से तीन को इजराइल की सेना नें नीचे गिरा दिया था। इसके दो दिन बाद दोनों पक्षों नें सीजफायर करने का फैसला ले लिया था।
इजराइल और गाजा की इस लड़ाई में अन्य देश भी काफी सक्रीय हैं। जहाँ अमेरिका ज्यादातर मामलों में इजराइल का पक्ष लेता है, वहीँ सऊदी अरब और अन्य अरब देश गाजा का पक्ष लेते हैं।
संयुक्त राष्ट्र नें भी समय समय पर दोनों पक्षों को शान्ति स्थापित करने की बात कही है। संयुक्त राष्ट्र नें इजराइल को कई बार चेतावनी दी है कि उसकी कार्यवाही में मासूम लोग भी मारे जाते हैं।