नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड जोकि देश में बुलेट ट्रेन का परिचय कर रहा है, इसके द्वारा 508 किलोमीटर लंबी अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना में से 237 किलोमीटर के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं, जो भारत में सिविल नागरिक को दिया जाने वाला सबसे बड़ा कॉन्ट्रैक्ट है।
इन कंपनियों को कॉनट्रैक्ट मिलने के आसार :
इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक इंडस्ट्री के कुछ सूत्रों के अनुसार एलएंडटी और एफकॉन जैसे कुछ ही भारतीय इंफ्रास्ट्रक्टर की बड़ी कंपनियाँ ही इस तरह की बड़ी परियोजना के लिए बोली लगाने में सक्षम हैं और इसके बाद उन्हें जापानी कंपनियों जैसे हिताची कंस्ट्रक्शन और मित्सुबिशी कंस्ट्रक्शन के साथ संयुक्त उद्यम करने की भी आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि जापानी कंपनियां स्वतंत्र रूप से अपने विशाल अनुभव को ध्यान में रखते हुए काम कर सकती हैं अतः किसी नयी भारतीय कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट नहीं सौंपा जाएगा। जापानी फंडिंग एजेंसी, जेआईसीए के साथ समझौते के अनुसार, केवल भारतीय और जापानी निर्माण फर्म अपनी बोली लगाने के लिए योग्य हैं।
यह होगी बोली लगाने की प्रक्रिया :
यदि इस परियोजना के लिए कोई कंपनी बोली लगाने में उत्सुक है तो कंपनियों को अपनी बोली 200 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि के साथ जमा करनी होगी। एक सरकार अधिकारी जोकि इस बोली लगाने की प्रक्रिया और इस इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना का वहन कर रहा है, उसने बताया की आमतौर पर, बोली सुरक्षा राशि परियोजना लागत का लगभग 1% है। इसलिए, इस काम में लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश या व्यय शामिल होगा।
भारत में बनेंगे 10 नए बुलेट ट्रेन कॉरिडोर :
भारत में मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण पूरा होते ही गुजरात का यह शहर मुंबई से जुड़ जाएगा। इस कॉरिडोर के लिए कुल 10000 करोड़ रूपए का वित्त आवंटित किया गया है ईवा इसके पूरे होने पर मुमबई से अहमदाबाद केवल 3 घंटों में पहुंचा जा सकेगा जहां वर्तमान में कुल 7 घंटों का समय लगता है।
मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के बाद अब मोदी सकरार 10 नए कॉरिडोर और बनाने की योजना बना रही है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पूरी बुलेट ट्रेन परियोजना, जिसमें 10 रूट शामिल हैं, कुल मिलाकर लगभग 6,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस परियोजना पर लगभग 10 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। बुलेट ट्रेन संचालन के लिए अब तक छह मार्गों की पहचान की जा चुकी है। इसके अलावा, नई दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन परिचालन के लिए निगम एक रिपोर्ट पर काम करने की भी संभावना है।