Sat. Nov 23rd, 2024
    लालू परिवार, सीबीआई

    सीबीआई के सातवे नोटिस पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय पहुंचे जहां उनसे अधिकारीयों ने पूछताछ की। वही आजतक बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ईडी के मुख्यालय पेश नहीं हुई है। दरअसल रेलवे टेंडर घोटाले में अर्जित सम्पति में ईडी ने तेजस्वी को सातवीं नोटिस भेजा था जिसमे पूछताछ के लिए तेजस्वी ईडी के मुख्यालय पेश हुए थे। इसके पहले भी ईडी ने तेजस्वी को नोटिस भेजा था लेकिन यादव कभी पेश नहीं हुए थे।

    इससे पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू के बेटे तेजस्वी यादव से सीबीआई ने आठ घंटे लम्बी पूछताछ की। उसमे सीबीआई ने यादव से कुल 54 सवाल पूछे थे जिसमे आधे से अधिक सवाल के जवाब यादव ने हां और ना में दिए थे। इसी मामले में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ईडी के भेजे गए नोटिस को लगातार नजरअंदाज करती रही है। 7 नंवबर को भी ईडी ने राबड़ी देवी को दिल्ली स्थित मुख्यालय बुलाया था लेकिन वह नहीं पेश हुई। उस दौरान अधिकारी उनका इंतजार करते रहे लेकिन वह नहीं पहुंची।

    कानून के जानकारों का कहना है कि अगर संवैधानिक रूप से देखा जाये तो एजेंसिया तेजस्वी और राबड़ी देवी के खिलाफ नोटिस भेजने के बाद पेश नहीं होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती थी और उन्हें आसानी से गिरफ्तारी का वारंट मिल सकता है लेकिन एजेंसी ऐसा नहीं कर रही है। कुछ इस तरह का हाल विजय माल्या का भी था तीन बार नोटिस पर नहीं पहुंचने के बाद माल्या का गिरफ्तारी का वारंट जारी कर उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। लेकिन यादव परिवार पर सीबीआई और ईडी सव्भाविक कार्यशैली अपना रही है। इस पर यह संदेह जताया जा रहा है कि इस मामले में राजनीती दावपेंच आजमाए जा रहे है।

    वहीं दूसरी तरफ राजनीती जानकारों का कहना है कि जब तक गुजरात चुनाव खत्म नहीं हो जाते तब तक ऐसा ही चलता रहेगा। क्योकि जाँच एजेंसियों को यह डर सता रहा है की अगर लालू यादव पर कोई कार्यवाई हुई तो गुजरात में विपक्ष इसे मुद्दा बना लेगा और इस मुद्दे के जरिये राजनीती में काफी ज्यादा नुकशान होगा। दरअसल कांग्रेस पहले से ही सीबीआई और ईडी को लेकर सरकार पर हमला बोलती रही है। विपक्ष का कहना है कि वर्तमान सरकार विपक्ष के नेताओ और विरोधी पार्टियों को परेशान करने के लिए एजेंसियों का सहारा लेती है। इसलिए सीबीआई यह नहीं चाहती कि इनपर की गई करवाई राजनीती मुद्दा बने।

    जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह का कहना है कि ईडी ने पुरे साक्ष्य के साथ छापेमारी करते हुए मामला दर्ज किया था और उन्हें अपनी बात रखने के लिए बार बार मौका भी दे रही है। ऐसा नहीं कि इनपर कोई कार्यवाई नहीं होगी जिसदिन इन लोगो ने अपनी बात रख दी ईडी उसी वक्त उचित कार्यवाई करेगी। ईडी के सूत्रों का मानना है कि एजेंसी लालू के मामले में कोई भी जल्दबाजी नहीं करना चाहती है।

    राजद सुप्रीमो लालू यादव शुरू से जांच एजेंसियों से नहीं डरने की बात मीडिया के माध्यम से करते रहे है। वही यादव के बेटे तेजस्वी भी केंद्र सरकार पर यह आरोप लगाते रहे है कि हमें परेशान करने के लिए ऐसा किया जाता है।