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    डोनाल्ड ट्रम्प

    डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को सांसदों से कहा कि “वह सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती के निर्णय से 100 फीसदी इत्तफाक रखते हैं।” 22 फरवरी को सांसदों और प्रतिनिधियों के द्विभाजिय समूहों ने कहा कि “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती जारी रखने के निर्णय पर रजामंदी जाहिर की है। ताकि क्षेत्र की स्थिरता को बरकरार रखा जा सके और आईएसआईएस की वापसी को रोका जा सके।”

    एनबीसी न्यूज़ को मिले पत्र के मुताबिक “हम सीरिया में एक संतुलित सैन्य टुकड़ी की उपस्थिति के समर्थन में हैं। इसमें अमेरिकी सैनिकों का एक दल और हमारे यूरोपीय सहयोगियों की ग्राउंड फाॅर्स शामिल होगी। यह स्थिरता को बरकरार रखने और आतंकी संगठन की वापसी से सुरक्षा करने के लिए जरुरी है।”

    सांसद ने कहा कि “आपकी तरह, हम भी सीरिया में हासिल उपलब्धियों को न खोने देने को सुनिश्चित करना चाहते हैं। ताकि आईएसआईएस वापस न आ सके, ईरान के हौसले न बढ़ सके, हम अपनी उपलब्धियों को संघठित कर सके और जिनेवा में अमेरिकी हितों के सर्वश्रेष्ठ परिणाम हासिल कर सके।”

    सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेना सीरिया के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 400 सैनिक तैनात करेगी। व्हाइट हाउस के अधिकारी के मुताबिक लगभग 800 से 1500 सैनिक नार्थ-ईस्ट सीरिया में तैनात होंगे जो तुर्की और कुर्दिश सेना के बीच संतुलन बनाये रखेंगे। इसके आलावा 200 सैनिक सीरिया में अल तफ में ही रहेंगे, जहां सीरिया का बॉर्डर जॉर्डन और इराक से सटा है।”

    हाल ही में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सांडर्स ने कहा कि “200 सैनिकों की एक शान्ति सेना सीरिया में कुछ समय के लिए तैनात रहेगी।” डोनाल्ड ट्रम्प की सीरिया से 2000 सैनिको को वापस बुलाने के निर्णय पर वैश्विक जगत ने खेद जताया है। आलोचकों के मुताबिक तुर्की की सेना अमेरिकी समर्थित कुर्दिश लड़ाकों पर हमला कर सकती है और आईएस दोबारा अपने पाँव पसार सकता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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