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    चीनी कंपनी पाकिस्तान सरकार

    चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) परियोजना को लेकर चीनपाकिस्तान के बीच में गंभीर मुद्दा हो गया है। दरअसल चीनी कंपनी ने पाक सरकार के साथ फंड के मुद्दो की वजह से सीपीईसी परियोजना को रोक दिया है। पाक सरकार के साथ मतभेदों के चलते चीनी कंपनी ने इस प्रोजेक्ट पर फिलहाल काम रोक दिया है।

    चीनी कंपनी ने लाहौर से मतिआरी के बीच हाई-वोल्टेज प्रत्यक्ष चालू ट्रांसमिशन लाइन पर काम को काफी धीमा कर दिया है। जिस वजह से सीपीईसी प्रोजेक्ट पर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। चीनी कंपनी को फंड की कमी के चलते बिजली संयंत्रों के निर्माण संबंधी परेशानी हो रही है।

    पाक व चीनी कंपनी के बीच नया समझौता नहीं

    गौरतलब है कि 878 किमी लाहौर- मतिआरी ट्रांसमिशन लाइन चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का अहम हिस्सा है। जानकारी के अनुसार जब तक चीनी कंपनी लाहौर- मतिआरी ट्रांसमिशन लाइन का काम पूरा नहीं कर देती तब तक पाकिस्तान सरकार, चीनी कंपनी के साथ सीपीईसी के तहत एक नया समझौता नहीं करेगी।

    लाहौर से 50 किमी. दूर बालोकी व हैदराबाद के पास मतिआरी में चीनी कंपनी ने काम की गति को काफी धीमा कर दिया है और कहीं तो बंद तक कर दिया है। परियोजना को फरवरी में शुरू किया गया था।

    पाकिस्तान एनर्जी मिनिस्ट्री के बिजली विभाग के अधिकारी के अनुसार चीनी कंपनी ने इन प्रमुख स्थलों पर तीन प्रमुख मुद्दों के चलते काम धीमा कर दिया है जो अभी तक हल नहीं हो पा रहे है। इन मुद्दों में प्रमुख रूप से फंड की कमी व परियोजना के संचालन और रखरखाव संबंधी समस्याएं है।

    पाक सरकार के साथ मतभेदों के चलते चीनी कंपनी ने काम रोक दिया है। जिस वजह से परियोजना अटक गई है। गौरतलब है कि सीपीईसी प्रोजेक्ट को विवादित कश्मीर इलाके से भी गुजारा जाएगा जिस पर भारत ने आपत्ति दर्ज करवाई थी।