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    ढाबे पर राहुल ने उठाया खाने का लुत्फ

    गुजरात चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपने आपको गुजरात की सबसे शुभ चिंतक पार्टी साबित करने में लगी हैं। शायद कांग्रेस को ये बात समझ गयी हैं कि गुजरात उसको ही अपनाएगी जो गुजरात का होगा। यहीं कारण है कि विधान सभा चुनाव के प्रचार प्रसार में राहुल गुजराती रंग-ढंग का जमकर इस्तेमाल कर रहे है।

    चुनाव का नजारा यह है कि बड़े ही आसानी से राहुल को गुजराती खाने से लेकर गुजराती गाने तक सुनते हुए पाया जा सकता है। अपनी रैली में कांग्रेस इस बात का खास ख्याल रख रही है कि कहीं से भी राहुल की पार्टी बाहरी लोगों की पार्टी ना लगे। गुजराती दिखने के इसी एजेंडे के तहत राहुल ने कल पाटन में एक ढाबे पर रूककर ना सिर्फ काठियावाड़ी व्यंजन खाया, बल्कि गुजराती धुनों का आनंद उठाया।

    यह बात भी गौर करने वाली है कि राहुल अपने रैलियों में गुजराती लोकगीतों का जोरदार इस्तेमाल कर रहे है। अपनी जनसभाओं में राहुल न सिर्फ गुजराती लोकगीतों का आनंद उठा रहे है, बल्कि आदिवासी समुदायों को अपने साथ जोड़ने के लिए इन धुनों पर उनके साथ नाच भी रहे है।

    चुनाव के इस मौसम में आम आदमी जैसे दिखने के भी अपने अलग ही फायदे है। आम आदमी वैसे भी चुनाव के इस मौसम में सबसे खास हो जाता है। यहीं कारण है कि राहुल गुजराती पगड़ी पहने अपने काफिले को कहीं भी बीच रास्ते में रोक लेते है तथा आम गुजराती जैसे फाफड़ा थेपला मिर्च के पकौड़े और चाय का मजा लेते हैं और लगे हाथ बीजेपी पर राजनीतिक दाव भी खेल जाते है।

    ढाबे पर एकदम आम गुजराती जैसे बनकर वो जीएसटी तथा नोटबंदी पर बीजेपी को घेरते है।