पाकिस्तान को फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स ने आतंकियों को वित्तपोषित करने और मनी लॉन्ड्रिंग के कारण ग्रे सूची में कायम रखा था। इसके बाद इस्लामाबाद कार्रवाई के मूड में आ गया और जैश ए मोहम्मद समेत आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने को तत्पर हो गया था।
पाक का आतंकियों पर कार्रवाई
डॉन के मुताबिक पकिस्तान के सूचना मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा कि “पाक सरकार ने दृढ निर्णय लिया है कि सभी आतंकियों समूहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। हालाँकि पाकिस्तानी मंत्री ने आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की समयसीमा बताने से इंकार दिया और कहा कि तय समयसीमा सुरक्षाबलों द्वारा तय की जाएगी।”
सूत्रों के मुताबिक “एफएटीएफ के 10 पॉइंट के एक्शन प्लान के तहत 27 लक्ष्य अब खान सरकार की प्राथमिकता में शुमार है।” पाकिस्तान की फाइनेंसियल मॉनिटरिंग यूनिट ने साल 2018 में 8707 संदिग्ध ट्रांसक्शन की रिपोर्ट जारी की है, जबकि साल 2017 में यह 5548 थे।
एफएटीएफ की पाक को चेतावनी
भारत के कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी के हमले की आलोचना करते हुए पेरिस में स्थित ग्लोबल फाइनेंसियल वाचडॉग ने बीते माह पाकिस्तान को आतंकियों को वित्तीय सहायता मुहैया करने और मनी लॉन्ड्रिंग पर शिकंजा न कसने के कारण चेतावनी दी थी।
एफएटीएफ की आलोचना के बाद ही पाकिस्तान ने जमात उद दावा और फलाह ई इंसानियत पर दोबारा प्रतिबन्ध लगा दिए थे। एफएटीएफ से ब्लैकलिस्ट होने का मतलब, देश विश्व के साथ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद से लड़ने के लिए गंभीर नहीं हैं। इस्लामाबाद पर भी काफी कर्ज का भार है और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इसकेलिए कई देशों का भ्रमण कर चुके हैं। वह आईएमएफ से बैलआउट पैकेज के लिए भी बातचीत कर रहे हैं।
ब्लैकलिस्ट होने से पाकिस्तान पर वित्तीय समस्याओं का पहाड़ टूट सकता है। आगामी निवेश और सहायता मुश्किल में आ सकती है। यह मुल्क को गंभीर नकदी संकट की तरफ धकेल सकता है।
फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स एक सरकारी संस्था है जो आतंकियों के वित्तपोषण और अन्य मामलों पर कार्रवाई करती है। इसका गठन साल 1989 में हुआ था।