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    रेलवे स्लीपर

    रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के खलीलाबाद से बहराइच तक के 240 किलोमीटर लम्बी ट्रेन परियोजना के ट्रैक का शिलान्यास किया। यह परियोजना 2025 तक पूरी होगी और इसके अंतर्गत 5 जिलों के दूरदराज गाँवों को जोड़ा जाएगा।

    परियोजना की जानकारी :

    उत्तरप्रदेश के बहराइच से खलीलाबाद तक बन्ने वाले इस रेल ट्रैक की कुल लम्बाई 240 किलोमीटर होगी। यह पूरी परियोजना 5000 करोड़ की लागत के साथ पूरी की जायेगी। इस नए ट्रैक के बनने राज्य के पांच दूरदराज गाँव रेल नेटवर्क से जुड़ जायेंगे। सूत्रों के अनुसार इस परियोजना का 2025 तक ख़त्म होने का अनुमान है।

    पीयूष गोयल का बयान:

    खलीलाबाद से बहराइच रेलवे लाइन

    इस परियोजना का शिलान्यास करने के बाद जब पियूष गोयल ने इस पर अपना बयान दिया तो उन्होंने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा की योगी सरकार के आने से इस राज्य में दोगुनी रफ्तार से विकास हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने अतीत के उपलब्धियां गिनवाते हुए बताया की पिछले कुछ समय में इस राज्य में किसानों द्वारा न तो कोई धरना प्रदर्शन हुआ है, ना ही कहीं विरोध देखने को मिला है। इसके विपरीत यहाँ कई विकास परियोजनाएं शुरू की गयी हैं जिससे इन्हें फायदा हो रहा है।

    उन्होंने बताया की तेज विकास बीजेपी सरकार के आने से ही संभव हो पाया है और वे आशा करते हैं की आने वाले चुनावों में सारी सीटें बीजेपी सरकार ही जीते और इससे राज्य का विकास और भी तेज होगा।

    पुलवामा शहीदों के लिए यूपी सरकार द्वारा 25 लाख आवंटित :

    इन योजनाओं के अलावा यूपी सरकार ने हाल ही में हुए पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों के लिए आर्थिक मदद के रूप में 25 लाख आवंटित कर दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि वित्तीय मदद के अलावे सरकार ने शहीद जवान के परिवार में से एक व्यक्ति को नौकरी देने की भी घोषणा की है।

    शहीद जवानों की अंतिम यात्रा को लेकर राज्य सरकार बड़ा आयोजन करेगी। जिसमें राज्य के मंत्री, पुलिस एसएसपी समेत डीएसपी व अन्य बड़े अधिकारियों को मौजूद होने की बात कही गई है। योगी आदित्यनाथ ने शहीद जवानों के प्रति अपनी पूरी संवेदना तथा हर संभव मदद की बात कही है। सूत्रों के मुताबिक शहीद जवानों में से कुल 12 जवान उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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