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    लखनऊ, गाजियाबाद

    वर्तमान में कई देश प्रदूषण की समस्या से जकड़े हुए है। इनमें से सबसे प्रमुख देशों में भारत व चीन शामिल है। दोनों ही देशों की जनसंख्या पूरी दुनिया में काफी ज्यादा है। जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है।

    इस समय चीन से ज्यादा भारत में प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर है। भारत की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी भयावह स्थिति ले चुका है। दिल्ली में इस समय प्रदूषण इस स्तर पर चला गया है कि पूरे राज्य में धुंध छाई हुई है।

    लोगों को पास से भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। दिल्ली की हवा ऐसी लग रही है कि अब तो कोर्ट भी मान चुका है कि लोग जहरीला धुंआ ले रहे है।

    वर्तमान में नई दिल्ली में सरकार ने प्रदूषण को देखते हुए हजारों की संख्या में स्कूल बंद करने के आदेश दे रखे है। यहां के स्थानीय अस्पतालों में श्वास की समस्याओं से ग्रसित मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

    नई दिल्ली इस समय भारी धुंध की समस्या का सामना कर रही है। वायु प्रदूषण की वजह से आसमान में इतनी धुंध जमी हुई है कि ट्रैफिक दुर्घटनाओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा वहां के निवासियों को आंखों में जलन की शिकायत भी हो रही है।

    औद्योगिकीकरण है प्रदूषण की असली जड़

    दिल्ली में प्रदूषण का कारण बड़ी संख्या में वाहनों के आवागमन, औद्योगिक उत्सर्जन, पराली जलाने, निर्माण संबंधी धूल और अपशिष्ट जले हुए सामान को माना जा रहा है। मुख्य रूप से कहा जा रहा है कि औद्योगिकीकरण की वजह से दिल्ली में प्रदूषण की समस्या इतनी ज्यादा हो गई है।

    अगर देखा जाए तो सामान्यतःऔद्योगिकीकरण की प्रक्रिया के दौरान पर्यावरण के मुद्दे सभी राष्ट्रों के लिए आम है। इनमें दिल्ली ही प्रमुख नहीं है। नई दिल्ली में स्थिति काफी गंभीर है। चीन को भी उद्योगों की वजह से प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन भारत तो अभी औद्योगीकरण प्रक्रिया के प्रारंभिक चरण में ही है।

    वहीं अगर चीन की राजधानी बीजिंग की बात की जाए तो वहां पर भी नई दिल्ली जैसी ही स्थिति थी। लेकिन चीन की सरकार ने ऐसे उपाय अपनाए कि बीजिंग में प्रदूषण काफी हद तक कम हो गया। बीजिंग में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया।

    चीन के उपायों को नई दिल्ली में किया जा सकता है लागू

    वहीं अब भारतीय मीडिया भी सरकार को कह रहा है कि नई दिल्ली में भी प्रदूषण की स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि यहां पर भी स्वास्थ्य आपाताकाल घोषित किया जाना चाहिए।

    इसके अलावा चीन ने प्रदूषण को कम करने के लिए कोयला उत्पादन को कम कर दिया व कारों की संख्या में कटौती कर दी। चीन सरकार ने जो उपाय वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अपनाए थे उससे काफी हद तक स्थिति नियंत्रण में आ गई थी। भारत में भी अब चीन के द्वारा प्रदूषण को कम किए गए उपायों को लागू किया जाना चाहिए।

    चीन ने हाल में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आगमन के समय भी महज एक रात में शहर में छाई धुंध को आसानी से हटा दिया था। भारत को भी इस स्थिति में चीन से सबक लेना चाहिए।

    वायु प्रदूषण चीन और भारत दोनों के लिए एक आम चुनौती बन गया है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए भारत की राजधानी नई दिल्ली में भी बीजिंग वाला तरीका अपनाया जा सकता है।