वेनेज़ुएला के आर्थिक और राजनीतिक संकट से निपटने के लिए रूस और अमेरिका के मध्य तनाव जारी है। रूस ने संकटग्रस्त देश वेनेज़ुएला की मदद के लिए राहत मुहैया करने का संकल्प किया था। अमेरिका ने सीमा के जरिये वेनेज़ुएला में मदद पंहुचाने की कोशिश की थी, जिसे राष्ट्रपति निकोलस मादुरो में विफल कर दिया था। अमेरिका द्वारा भेजी मदद को रोकने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वेनेज़ुएला पर प्रतिबंध थोप दिए हैं।
अमेरिका औऱ यूरोपीय देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था। अमेरिका के प्रस्ताव में वेनेज़ुएला में नए सिरे से चुनाव का आयोजन और बिना रोकटोक के मानवीय मदद मुहैया करने की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव के समर्थन में नौ देशो ने मत दिया जबकि 15 सदस्यीय मंच में छह सदस्यों में प्रस्ताव के खिलाफ मत दिया। वही चीन और रूस ने इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया था। इस परिषद में किसी भी प्रस्ताव को पारित करने में लिए नौ मतों की जरूरत होती है।
राष्ट्रपति मादुरो को सेना, रूस, चीन व दर्जनों अन्य राष्ट्रों का समर्थन प्राप्त है। वेनुजुएला आधुनिक दौर के सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह महंगाई ने रिकॉर्ड तोड़ एक करोड़ फीसदी उछाल मारी है। वेनुजुएला के राष्ट्रपति आर्थिक संकट के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय मदद लेने को तैयार नहीं है और उनके मुताबिक उनका देश भिखारी नहीं है। राष्ट्रपति की लापरवाही और हटी रवैये के कारण कई छोड़ने पर मज़बूर होना पड़ा है। उनके खिलाफ देश में आक्रोश है, लोग उनकी गलत नीतियों और रवैये को इस आर्थिक संकट का जिम्मेदार मानते हैं।
मानवीय सहायता को रोकने के लिए वेनुजुएला और कोलंबिया की सीमा पर कार्रवाई की तस्वीरें आयी है जिसमे सुरक्षा बल कार्यकर्ताओं पर गोले दाग़ रहे हैं। दूसरी तरफ प्रदर्शनमकर्मी चौकियों, सुरक्षाबलों और दंगविरोधियों पर पत्थर फेंक रहे हैं।