भारत और भूटान के बीच में शुक्रवार को द्विपक्षीय तंत्र के विकास और दोनों देशों की साझेदारी को लेकर वार्ता आयोजित की गई। नई दिल्ली में छठी भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता का आयोजन किया गया।
इस दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मामलों के सचिव (आर्थिक संबंध) विजय गोखले ने किया। भूटान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भूटान के विदेश सचिव दाशो सोनम टीशोंग ने किया।
इस दौरान दोनों पक्षों ने भारत सरकार द्वारा भूटान को दी जा रही वित्तीय सहायता और विभिन्न परियोजनाओं को लेकर चर्चा व समीक्षा की गई। इसके साथ ही भारत-भूटान संबंधों की 11वीं पंचवर्षीय योजना (2013-2018) के दौरान 4,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं को लेकर भारत ने प्रतिबद्धता जताई।
अगले साल थिम्पू में आयोजित होगी वार्ता
भारत की तरफ से भूटान को 4,500 करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की गई थी। इसमें करीब 595 लघु विकास परियोजनाओं को भूटान में कार्यान्वित भी किया गया। अब दोनों देश इस योजना के अंतिम चरण पर है। क्योंकि ये योजना साल 2018 में समाप्त हो जाएगी।
नई दिल्ली मे हुई बैठक के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर संतोष व्यक्त किया। वार्ता के दौरान भूटान के प्रतिनिधिमंडल ने भारत के द्वारा किए जा रहे सहयोग को लेकर धन्यवाद जताया।
भूटान ने कहा कि उनकी शाही सरकार भूटान में सामाजिक-आर्थिक विकास की प्राथमिकताओं के लिए भारत का अमूल्य सहयोग मानती है। भूटान ने कहा कि उन्हें भारत की तरफ से परियोजनाओं को पूरा करने के लिए समय पर वित्त की सहायता की जा रही है।
इस दौरान दोनों पक्षों ने आगामी 12 वीं पंचवर्षीय योजना (2018-2023) को लेकर भी चर्चा की। साथ ही अगली विकास सहयोग संबंधित भारत-भूटान वार्ता को भूटान की राजधानी थिम्पू में आयोजित करवाने पर सहमति जाहिर की।