राजनीति में सभी पार्टियां एक दूसरे को अपने समर्थन में लेने में लगी हैं। इस समर्थन के खेल में सबसे ऊपर नाम आ रहा है हार्दिक पटेल का। जहां पटेलों का समर्थन प्राप्त करने की इक्षा से खुद प्रधान मंत्री मोदी गुजरात दौरा कर चुके है तो वहीं पटेलों को लुभाने की लिए कांग्रेस भी हरसंभव प्रयास करने में लगी हैं।
पटेल इस चुनाव के लिए अलाद्दीन का चिराग माने जा रहे हैं। यह बात तय मानी जा रही है कि जिस तरफ हार्दिक पटेल होंगे उस तरफ ही गुजरात में बहुसंख्यक पटेल समाज भी होगा। कल इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि उन्हे पूरा भरोसा है कि हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी कांग्रेस का साथ देंगे।
- राजनीतिक मझदार में फंसे हार्दिक पटेल की बढ़ी मुश्किलें
- गुजरात विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने आंतरिक सर्वे में किया 120 सीटें जीतने का दावा
गौरतलब है कि इस समुदाय का समर्थन पाने की लिए अभी कुछ दिन पहले ही अहमदाबाद में कांग्रेस पार्टी ने बड़ी बैठक का आयोजन किया था जिसमे पटेलों के आरक्षण का मुद्दा अहम था। अशोक ने कहा कि पाटीदार समाज कांग्रेस को वोट करेंगे क्यूंकि राज्य की हालत से परेशान है। गुजरात में किसान दुखी है तथा मजदूर राज्य से पलायन कर रहे है। यह सब बीजेपी की वजह से में हुआ है।
किसी जमाने में पटेल समाज बीजेपी का मुख्य समर्थक हुआ करता था, लेकिन पिछले कुछ समय से पटेलों को आरक्षण के मुद्दे को लेकर हार्दिक पटेल और बीजेपी में दूरियां बढ़ती ही जा रही है। बीजेपी ने जहां एक तरफ पटेल समाज को अपने समर्थन में लाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है, वहीं हार्दिक ने अभी तक किसी भी पार्टी को समर्थन करने का कोई खास एलान नहीं किया है। ऐसे में दोनों ही पार्टियां किसी भी तरह से हार्दिक को अपने पक्ष में करके विधान सभा का यह चुनाव जीतना चाहती है।
विधान सभा का यह चुनाव दिसंबर 9 से 14 के बीच दो अलग फेसों में होना तय हुआ है।