Sat. Nov 23rd, 2024

    लखनऊ में आयोजित लिटरेरी फेस्टिवल में एबीवीपी कार्यकताओ के हंगामे के बाद मंच पर पहुंचे कन्हैया कुमार ने संघ, भाजपा और एबीवीपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने मंच को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो लोग यहाँ मेरा विरोध करते है मैं उनका भी स्वागत करता हूँ। एबीवीपी के लोगो द्वारा किये गए हंगामे को लेकर कन्हैया ने कहा कि लखनऊ तहजीब का शहर है। लेकिन आप लोगो के इस रवैये से नहीं लगता।

    उन्होंने कहा कि मैं ऐसा पहली बार देख रहा हूँ कि किसी लिटरेरी फेस्टिवल में इस तरह का विरोध हो रहा है। कुमार ने एबीवीपी की आलोचना करते हुए उन्हें कटघड़े में खड़ा कर दिया और सवाल करते हुए कहा कि सेशन के पहले भी आपलोग सवाल पूछ कर मेरा विरोध कर सकते थे।

    कन्हैया कुमार ने अपने सम्बोधन के द्वारा कहा कि लोकतंत्र की यही खूबी है कि एक मंच से दो विचार धारा वाले वयक्ति अपने अपने विचार प्रकट कर सकते है। लेकिन कौन अपने वयक्तव्य में सही है और कौन गलत यह जनता तय करती है। लेकिन मंच पर किसी को बोलने न देना संघ, भाजपा और एबीवीपी की संस्कृति है।

    कन्हैया कुमार अपनी किताब के विमोचन के लिए लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल में आये हुए थे। कुमार की किताब “बिहार से तिहाड़” का विमोचन उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी को करना था। लेकिन एबीवीपी के हंगामे के बाद कुरैशी को मंच पर आने से मना कर दिया गया। इसपर कन्हैया कुमार ने कहा कि मैं अपनी किताब का विमोचन खुद करूँगा।

    कन्हैया ने मंच से ही यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह शहर योगी जी का है जहां वह नयी तरह का राम राज लाने की मसक्कत कर रहे है। उन्होंने योगी पर तंज कस्ते हुए कहा कि भगवान् राम राजपाट छोड़कर वनवास चले गए थे लेकिन योगी आदित्यनाथ सन्यांसी होते हुए भी राजपाट संभाल रहे है।