नेशनस कॉफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह ने सोमवार को कहा कि, इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा होगी, देखना होगा कि वे इस साल जम्मू-कश्मीर में समय पर चुनाव करवा पाते हैं या नहीं? बीते पांच सालों में उन्होंने कश्मीर की समस्या को कितना सुलझाया है उसका जवाब जनता चुनाव में देगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट में लिखा है कि,”क्या मोदी सरकार अलगाववाद और आतंक की उन ताकतों के सामने झुक जाएगी, जिन्होंने हमेशा जम्मू-कश्मीर में चुनाव में खलल डालने की कोशिश की है या चुनाव तय समय पर होंगे? पिछले 5 वर्षों में पीएम मोदी के कश्मीर को संभालने के लिए यह सच्चाई का क्षण है।”
चुनाव आयोग इस सप्ताह राज्य के दौरे के बाद विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के बाबत अपनी प्रतिक्रिया देगा।उमर ने कहा कि विषम उपचुनाव को छोड़कर जम्मू-कश्मीर में 1995-96 के बाद सभी चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार हुए हैं।
साथ ही यह भी कहा कि, “क्या पीएम मोदी इस कार्यक्रम को बनाए रखने में सक्षम होंगे या क्या वह स्वीकार करेंगे कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर को संभालने में असमर्थ रही हैं? अगले कुछ दिन हमें इसका जवाब मिल जाएगा।”
कुछ दिनों पहले ही पुलवामा हमले के बाद देश भर में कश्मीरियों की रक्षा के बाबत सर्वोच्च न्यायालय को आदेश देने के लिए धन्यवाद जताया था। साथ ही केंद्र सरकार को कटघरे में लेते हुए यह कहा था कि,”जो काम जनता द्वारा चयनित सरकारों को करना चाहिए देश में वह काम सर्वोच्च न्यायालय कर रहा है।”