Tue. Dec 24th, 2024
    चीन के उइगर मुस्लिम

    चीन में उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के साथ ही विश्व भर में फैले उइगर मुस्लिमों की चुप्पी का खुलासा हो गया है। वांशिगटन पोस्ट में प्रकाशित लेख के मुताबिक “चीन ने अपने छात्रों को विश्व भर में उइगर मुस्लिमों को प्रताड़ित करने के लिए तैनात कर रखा है, जो चीन में नज़रबंद और अभियोजन के खिलाफ वैश्विक स्तर पर बोलने की क्षमता रखते हैं।

    इस लेख के मुताबिक कनाडा के उइगर मुस्लिम रूकिए तुर्देश ने चीन की पंहुच और मुस्लिम समुदाय पर हो रहे अत्याचार से बचने के लिए देश छोड़ दिया था। उनकी कहानी के अनुसार उन्होने साल 1992 में अपने 18 वर्षीय भाई की हत्या का खुलासा किया था। उस पर चीनी सैनिकों ने ईस्ट तुर्केस्तान में हमला किया था। क्योंकि वह बहुसंख्यक हान समुदाय के खिलाफ अपने के साथ प्रदर्शन में शामिल था।

    उन्होंने कहा कि वह भाग निकली क्योंकि अपने और अपने बच्चे के लिए एक नयी जिंदगी की आस में थी। उन्होंने उइगर मुस्लिमों की दयनीय हालत पर मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में प्रेजेंटेशन दी थी।

    तुरदेश ने कहा कि “जैसे मैंने अपने दर्शकों को बताया था, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी लम्बे समय से उइगर मुस्लिमों और उनकी पहचान को मिटाने के लिए आमादा है। साल 1990 के दशक में चीनी सरकार ने शिनजियांग प्रान्त में हान समुदाय के लोगों को भेजना शुरू कर दिया था। साल 2017 से चीनी में अपनी प्रयासों में काफी तीव्रता कर दी, नतीजतन आज लाखों उइगर मुस्लिम चीन की कैद में बंद है। पुनर्प्रशिक्षण का ढोंग रचकर मुस्लिमों को मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दी जा रही है।”

    चीनी छात्रों ने कहे अपशब्द

    उन्होंने कहा कि जब मैंने यूनिवर्सिटी में ईस्ट तुर्केस्तान की भयावह सच्चाई को बयां किया तो चीनी छात्रों के एक समूह ने मेरे भाषण में खलल डालने का प्रयास किया। उनमे से एक ने मेरे पूरे भाषण को रिकॉर्ड किया और मुझे अपशब्द कहे। इसके बाद किसी ने एक वीचैट समूह की चर्चा को लीक कर दिया, जिससे खुलासा हुआ कि चीनी दूतावास ने छात्रों को मेरा भाषण में शामिल होने के निर्देश दिए थे। उस बातचीत में मेरे बच्चे को ढूंढने की बात कही गयी थी।”

    उन्होंने कहा कि “मुझे 20 साल पुराण डर महसूस हो रहा था जो कभी बीजिंग के होटल में था। जबकि अब मैं एक सम्मानित कनाडा की नागरिक हूँ और लोकतान्त्रिक सरजमीं पर रहती हूँ। चीनी छात्रों ने इसके बाबत चीनी दूतावास को इत्तलाह किया।”

    हमें डराना उनका मकसद

    उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रवाद का फासीवाद रवैया न सिर्फ शैक्षिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी का विरोध करता है बल्कि उसका मसकद कनाडा में रह रहे उइगर परिवारों के सदस्यों को धमकाना भी है। अफ़सोस, कि वे भेदभाव और देशभक्ति में फर्क नहीं समझना चाहते हैं।”

    चीन के दक्षिणी भाग में स्थित शिनजिआंग प्रान्त में उइगर मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और इस क्षेत्र को आधिकारिक तौर पर स्वायत्तता प्रदान कर रखी है। जानकारों के मुताबिक चीन के शिनजिआंग के शिविरों में लाखों उइगर मुस्लिमों को नजरबन्द रखा गया है।

    तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयब एर्डोगन पहले व्यक्ति थे जिन्होंने चीन के खिलाफ आवाज़ उठायी थी। तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हामी ऑक्सोय ने कहा कि चीन में जबरन उइगर मुस्लिमों को कैद को कैद करके रखना मानवता के लिए शर्म की की बात है। इन मुस्लिमों में कई तुर्क भाषी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह अब गोपनीय नहीं रहेगा कि 10 लाख से अधिक मुस्लिमों को अवैध तरीके से नज़रबंद शिविरों रखा गया है। ताकि उनका उत्पीड़न किया सके और कैदखानों व शिविरों में उनकी राजनीतिक विचारधारा परिवर्तित किया सके।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *