अमेरिका ने शुक्रवार को कोरियाई पेनिनसुला के उज्जवल भविष्य का समाधान दोहराया और आर्थिक विकास के विकल्पों पर कार्य करने को सुनिश्चित किया, लेकिन यह तभी मुमकिन है कि जब उत्तर कोरिया पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता को निभाए।
परमाणु निरस्त्रीकरण तक प्रतिबन्ध से निजात नहीं
व्हाइटहाउस से जारी बयान के मुताबिक “राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर कोरिया को अपनी प्रतिबद्धता को निभाना होगा, तभी हम आर्थिक विकास के विकल्पों पर कार्य करना सुनिश्चित करेंगे।”
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच पहले ऐतिहासिक सम्मलेन के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन ने बीते वर्ष सिंगापुर में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण का वादा किया था। उत्तर कोरिया कई बार अमेरिका से प्रतिबंधों को हटाने की बात कह चुका है। हालाँकि अमेरिका पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के बाद ही प्रतिबंधों को हटाने पर अडिग है।
यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति की नयी कूटनीति को जाहिर करती है, जिसके तहत अमेरिका और उत्तर जोड़ा के संबंधों में सुधार आ रहा है। इस बयान के तहत डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुरू किये गए ‘मैक्सिमम प्रेशर कैंपेन’ के माध्यम से ही उत्तर कोरिया के मामले में सार्थक प्रगति हासिल हो सकी है।
उत्तर कोरिया पर दबाव
राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने अनिश्चित अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन का गठन किया ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया विश्व को स्वीकार नहीं है। इस अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन का संचालन डोनाल्ड ट्रम्प करते थे, जिन्होंने सभी देशों को इन प्रतिबंधों का पालन करने की हिदायत दी हुई थी।
27-28 फरवरी को डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के मध्य दूसरे शिखर सम्मलेन का आयोजन वियतनाम की राजधानी हनोई में होगा। हाल ही की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण करने के इरादे के बाबत अनिश्चित है।
सीआईए के पूर्व अधिकारी ब्रूस क्लींजर ने कहा कि “उत्तर कोरिया अपने वादों को निभाने की बजाये हथियारों की संख्या में वृद्धि कर रहा है।” त्तर कोरिया की मांग है कि अमेरिका सभी प्रतिबंधों को हटा दे, 1950-53 की कोरियाई युद्ध की आधिकारिक घोषणा करें और सुरक्षा की गारंटी प्रदान करें।