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    कश्मीरियों के प्रति ऐसा व्यवहार निंदनीय है- शिवसेना युवा अध्यक्ष

    शिवसेना ने शुक्रवार को एक युवा कार्यकर्ता को पार्टी से निकाल दिया है। इस युवा कार्यकर्ता पर यवतमाल शहर के कॉलेज में पढ़ने वाले दो कश्मीरी छात्रों को तंग करने का आरोप लगा है। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आंतकी हमले के बाद से देश के विभिन्न जगहों से कश्मीरी लोगों व छात्रों को सताने की खबरें आ रही थी।

    शिवसेना युवा प्रमुख के आदित्य ठाकरे ने, “कश्मीर को भारत का एक अभिन्न अंग कहते हुए मासूम कश्मीरियों पर अत्याचार करने की निंदा की है।” उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि,”यवतमाल में बीते दिन कश्मीरी छात्रों के साथ जो हुआ वह गलत है, निंदनीय है। इस घटना में जो लोग शामिल थे उन्हें कल शाम पार्टी से निकाल दिया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आंतक के कारण देश के लोगों को दिक्कत दी जा रही है। जम्मू-कश्मीर भारत का अंग है। कश्मीरियों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।”

    दो कश्मीरी छात्रों को शिवसेना का युवा उपाध्यक्ष अजिंक्या मोटके के नेतृत्व में परेशान किया गया, जो फिलहाल अभी फरार हैं। घटनाक्रम का विडियो बनाकर अजिंक्य के फेसबुक पेज पर शेयर किया गया है। इस विडियो में अजिंक्य यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि “कश्मीरियों को बाहर भगाओ, जहां कोई कश्मीरी दिखे उसे वहीं मारो।”

    भय्याभाई पटेल शारिक शिक्षा महाविद्यालय में पढ़ाई कर रहे छात्रों ने बताया कि यह घटना तब हुई जब वे शाम को अपने किराए के कमरे में लौट रहे थे। पुलिस इंस्पेक्टर धर्मराज सोनूले ने बताया कि, “हमलावर सेना युवा सेना से अलग हो गई और वर्तमान में फरार है। हम उनकी तलाश कर रहे हैं और फिलहाल अपराध दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं।”

    शिवसेना नेता ने मीडिया पर भी इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ा के परोस रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि,”शिवसेना ने लिखित तौर पर यह बातें दी हैं जल्द ही इसकी विज्ञप्ति लोगों को व मीडिया को मिल जाएगी। संभावित है कि मीडिया इस मुद्दे पर हमारे पक्ष भी नकारात्मक तौर पर दिखाएगा कि हमने कोई कार्रवाई नहीं की।”

    पुलवामा हमले के बाद ऐसी ही एक घटना देहरादून से भी सुनने में आई थी। जहां कॉलेजों से कश्मीरी छात्रों को निकाल दिया गया था।

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