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    सरफराज अहमद

    पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद इस बात से निराश है कि पुलवामा हमले की वजह से क्रिकेट को निशाना बनाया जा रहा है और उनका कहना है कि पड़ोसी देश में मैच का बहिष्कार करने मांग बहुत आगे बढ़ रही है और इसके बाद भी योजनाबद्ध तरीके से मैच आगे बढ़ना चाहिए।

    पाकिस्तान के कप्तान ने जोर देकर कहा कि खेल का राजनीति के साथ मिश्रण नही होना चाहिए और दोनो देश में क्रिकेट के बहुत प्रशंसक है इसलिए होना चाहिए।

    सरफराज ने क्रिकेटपाकिस्तान.पीके. बेवसाइट से बात करते हुए कहा, ” भारत और पाकिस्तान के बीच मैच उसी शेड्यूल के साथ आगे बढ़ना चाहिए जैसा रखा गया है क्योंकि कई करोड़ो प्रशंसक इस मैच को देखने के लिए बेताब है। मुझे लगता है कि राजनीति में फायदा पाने के लिए क्रिकेट को निशाना नही बनाना चाहिए।”

    उन्होने कहा, ” यह बहुत निराशाजनक बात है कि पुलवामा हमले की वजह से क्रिकेट को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होने आगे कहा, पाकिस्तान कभी भी राजनीति के साथ खेल का मिश्रण नहीं करता है।”

    ओल्ड ट्रैफर्ड में 16 जून को होने वाले बहुप्रतीक्षित विश्व कप मैच के भाग्य ने कई पूर्व भारतीय क्रिकेटरों को घातक आतंकवादी हमले के बाद बहिष्कार का आह्वान किया था, जिसमें 40 से अधिक सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे।

    सरफराज ने आगे कहा, ” खेल को खेल की तरह लेना चाहिए।”

    मैच के बहिष्कार करने की मांग अभी तक कई दिग्गज खिलाड़ियो ने की है, जिसमें ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह के साथ मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम भी शामिल है।

    लेकिन इस पर कुछ दिग्गज खिलाड़ियो ने अपनी अलग राय भी रखी है, जिसमें सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर का नाम भी शामिल है उनका कहना है कि भारत को मैच का बहिष्कार करके पाकिस्तान को मुफ्त में अंक नही देना चाहिए।

    भारतीय क्रिकेट को चलाने वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भी पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप के संघर्ष पर कोई रुख अपनाने के खिलाफ फैसला किया, और आईसीसी और अन्य राष्ट्रों से उन देशों के साथ “गंभीर संबंध” ना बनाने का आग्रह किया जहां से “आतंकवाद निकलता है”।

    पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियंदाद ने भी इस मामले पर अपनी राय रखते हुए कहा कि खेल को निशाना बनाना गलत है।

    मियंदाद ने कहा, ” मुझे यह सुनकर बहुत बुरा लगा कि पाकिस्तान के स्टेडियमों में से हमारी तस्वीरे हटा दी गई है। और यह अब मैच के बहिष्कार करने की भी बात कर रहे है। मुझे लगता है कि भारत को समझना चाहिए की इस तरह के कदम उठाने से भारत को कई बुरे परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।”

    उन्होने आगे कहा, ” “मैं सिर्फ बेहतर समझ की उम्मीद करता हूं।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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