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    मोहम्मद बिन सलमान

    सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और 10 अरब डॉलर का तेल सौदा किया। जमाल खशोगी की हत्या के कारण सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस वैश्विक निंदा झेल रहे हैं। भारत और पाकिस्तान की यात्रा के बॉस मोहम्मद बिन सलमान गुरूवार को चीन पंहुचे थे। शुक्रवार को सुबह वह चीनी उप प्रधानमंत्री हान ज़्हेंग से मिले थे।

    विदेशों में मोहम्मद बिन सलमान की आलोचना

    सऊदी अरब के थिंक टैंक फाउंडेशन की वरिष्ठ जानकार नजह अल ओतैबी ने कहा कि “एशिया में रियाद अपने संबंधों को मज़बूत करना चाहता हैं। खासकर जमाल खशोगी की हत्या से अंतर्राष्ट्रीय जगत ने सऊदी की किरकिरी हुई है। मनी लॉन्डरिंग के आरोप में यूरोपीय संघ ने सऊदी को ब्लैकलिस्ट करने का प्रयास किया था।

    सऊदी के साथ चीन अपने आर्थिक संबंधों को मज़बूत करने की कोशिश करेगा। चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव जारी है, जबकि रियाद विज़न 2030 पर कार्य कर रहा है। इसके तहत राष्ट्रीय अर्थवयवस्था की तेल से निर्भरता को कम करना है।

    इस बैठक के दौरान ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्माण, वित्तीय और हाई टेक में दोनों राष्ट्रों की साझेदारी मज़बूत हुई है। रियाद की राष्ट्रीय तेल कंपनी अरामको ने कहा कि “सऊदी-चीनी संयुक्त उद्यम के लिए उन्होंने 10 अरब डॉलर के समझौते दस्तखत किये हैं। इससे लिओनिंग प्रान्त में एक रिफाइनिंग एंड पेट्रोकेमिकल को विकसित किया जायेगा।

    35 ज्ञापन पैटर्न पर हस्ताक्षर

    सऊदी अरब की जनरल इन्वेस्टमेंट ऑथिरिटी ने 35 ज्ञापन पत्रों पर हस्ताक्षर करने का ऐलान किया। सऊदी अरब का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार चीन है। चीन और खाड़ी देश के मध्य राष्ट्रीय सुरक्षा भी सहयोग का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। ख़बरों के मुताबिक दोनों राष्ट्र आतंकवाद के निपटान और कानून निर्माण में भागीदारी को मज़बूत करेंगे।

    सऊदी अरब ने चीन के देश को सुरक्षित रखने के प्रयासों में सहायता करने का वादा किया है और चीनी अंदरूनी मामलों में बाहरी ताकतों की दखलंदाज़ी का विरोध करने की बात कही थी। उइगर मुस्लिमों के साथ चीन के बुरे व्यवहार पर अधिकतर मुस्लिम देशों की चुप्पी के बाद मोहम्मद बिन सलमान ने अपना पक्ष रखा था।

    10 लाख से अधिक उइगर मुस्लिमों को चीन ने शिनजियांग प्रान्त में नज़रबंद कर रखा है। 10 लाख से अधिक मुस्लिमों को अवैध तरीके से नज़रबंद शिविरों रखा गया है। ताकि उनका उत्पीड़न किया सके और कैदखानों व शिविरों में उनकी राजनीतिक विचारधारा परिवर्तित किया सके।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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