ऑस्ट्रेलिया में मयंक अग्रवाल के टेस्ट डेब्यू की सुविधा देने के लिए तैयार की गई परिस्थितियों के बाद अब 28 साल की उम्र के खिलाड़ी ने अब खुद को भारत के पसंदीदा ओपनर के रूप में स्थापित करना शुरू कर दिया है।
अग्रवाल के सत्र 2017-18 के शानदार प्रदर्शन ने मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को बहुत प्रभावित किया, जिसके बाद उन्हें भारत की राष्ट्रीय टीम से खेलने का मौका मिला और चयनकर्ता अब यह आश्वासन कि वह भारतीय टीम की योजनाओ का हिस्सा बन गए है।
वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैच के लिए टीम का हिस्सा नही थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में परिस्थितियां कुछ ऐसी बनी की उन्हें ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू करवाना पड़ा।
दाए-हाथ के इस बल्लेबाज ने अब कहा है कि वह जल्द से जल्द भारत की टी-20 और 50 ओवर की टीम का हिस्सा बनना चाहते है।
अग्रवाल ने रायटर्स को कहा है, ” निश्चित रूप से मेरा गोल भारत के लिए हर प्रारूप में खेलने का है।”
उन्होने आगे कहा, ” मैं अपने देश के लिए सीमित-ओवर का क्रिकेट खेलने के लिए आगे देख रहा हूं, जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं उस पर निखरने की कोशिश करूंगा। मुझे लगता है मुझे खेलने का मौका चाहिए, जिससे मैं हर प्रारूप में अपना खेल दिखा सकूं।”
अग्रवाल ने कहा, ” चाहे आप टेस्ट क्रिकेट खेले, वनडे क्रिकेट खेले या टी-20 खेले लेकिन मूल वही रहता है। आप अपने खेल में थोड़ा बदलाव करते हो और प्रारूप के हिसाब से खेलते हो, आपको उस स्थिति में खेलना होता है जहां आपको डाला जाता है।”
अग्रवाल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच में टीम से जुड़े थे, क्योंकि उस समय भारतीय टीम के ओपनर बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नही कर पा रहे थे और भारतीय टीम को दूसरे टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा था।
ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के दौरान पहले पृथ्वी शॉ चोटिल हो गए थे, उसके बाद मैदान में केएल राहुल और मुरली विजय को पहले दो मैच में ओपनिंग के लिए उतारा गया। लेकिन दोनो सालामी बल्लेबाज को रन बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा।
अग्रवाल को मेलबर्न टेस्ट से टीम में जगह मिली थी, जहा उन्होने एक शानदार डेब्यू करते हुए पहली इनिंग में 76 तो वही दूसरी इनिंग में 42 रन की पारी खेल ऑस्ट्रेलिया के एक मजबूत गेंदबाजी अतिक्रमण का निडर होकर सामना किया था।
अग्रवाल ने कहा जब मैं मेलबर्न पहुंचा था तो टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री और बल्लेबाजी कोच संजय बांगर ने मुझे पिचो के बारे में कुछ बाते बताई थी, जो मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुई थी।