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    चेतेश्वर पुजारा

    भारतीय टेस्ट टीम के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने सैयद मुस्ताक अली ट्रॉफी में इतिहास रचा है, जब वह गुरुवार को  सौराष्ट्र की टीम से टी-20 प्रारूप में शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बने। पुजारा, जिन्होने ऑस्ट्रेलिया में शानदार बल्लेबाजी का नजारा दिखाते हुए भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज करवायी थी, उन्होने अपने आक्रमक बल्लेबाजी का सही उदाहरण दिखाते हुए रेलवे के खिलाफ अपनी टीम को 188 के स्कोर तक लेकर गए।

    अपनी मारक क्षमता के लिए नहीं जाने जाने वाले पुजारा खुद के लिए भारत के सीमित ओवरों की टीम में जगह नहीं बना पाए हैं। इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी में से एक के साथ एक अनुबंध 31-वर्षीय के लिए भी दुर्लभ है, जिसने खुद को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से एक के रूप में स्थापित किया है। रेलवे के खिलाफ, हालांकि, पुजारा ने 61 गेंदो में 16 चौके और 1 छक्का की मदद से अपना शतक पूरा किया। अर्धशतक लगाने के लिए पुजारा ने सिर्फ 29 गेंदे खेली जबकि शतक तक पहुंचने के लिए उन्हें उसके बाद 32 गेंदो का और सामना करना पड़ा।

    मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी सौराष्ट्र की टीम से हार्विक देसाई और पुजारा सालामी बल्लेबाज के रूप में मैदान में उतरे। पहले विकेट के लिए दोनो ने मिलकर 8.5 ओवर खेलते हुए 85 रन की साझेदारी की, जिसके बाद हार्विक 34 रन के स्कोर पर आशीष यादव का शिकार बन बैठे। पिच के दूसरे छोड़ से पुजारा ने आक्रमक शार्ट खेलने जारी रखे। जिसके बाद उन्होने रॉबिन उथप्पा के साख मिलकर बल्लेबाजी की और दूसरे विकेट के लिए 82 रन की साझेदारी की।

    उथप्पा ने मैच में 31 गेंदो में 46 रन की पारी खेली थी। और अपने अर्धशतक से 4 रन पहले वह अमित मिश्रा का शिकार बन बैठे। जिसके बाद नंबर चार पर बल्लेबाजी करने आए शेलडन जैक्सन केवल 2 रन बनाकर पवैलियन लौट गए। जयदेव उनादकट 1 रन पर नाबाद रहे और उनके साथ पुजारा ने 20 ओवर खत्म होे से पहले अपना शतक पूरा कर लिया था।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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