संयुक्त राष्ट्र के सचिव एंटानियो गुटरेस ने मंगलवार को भारत और पाकिस्तान से तनाव को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है और दोनों राष्ट्रों की रजामंदी पर बिचौलिए द्वारा मदद करने का भी प्रस्ताव दिया है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव काफी बढ़ गया था।
यूएन के प्रवक्ता स्टेफने दुजरिक ने कहा कि “दोनों राष्ट्रों के मध्य तनाव बढ़ने हम काफी चिंतित हैं। उन्होंने दोनों राष्ट्रों को अधिकतम संयम बरतने और बढ़ते तनाव को तत्काल खत्म करने का आग्रह किया है। साथ ही दोनों राष्ट्रों कस मध्य बिचौलिए द्वारा मदद करने का प्रस्ताव भी रखा था।”
रायटर्स के मुताबिक पाकिस्तान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन के सचिव एंटोनियो गुएट्रेस को पत्र लिखकर, दोनों देशो के बीच उपजे मतभेद को कम करने के लिए कहा था। शाह महमूद कुरैशी ने लिखा कि “यह बेहद अविलंबिता के साथ है, मैं आपका ध्यान कैन्द्रित करना चाहता हूं कि हमारे क्षेत्र में खराब है नतीजतन भारत की तरफ से पाकिस्तान पर हमले का खतरा बना हुआ है।”
उन्होंने कहा कि घरेलू राजनीतिक हितों के कारण भारत निरंतर पाकिस्तान के खिलाफ शत्रुतापूर्ण भाषण देता है, जिससे वातावरण काफी तनावग्रस्त हो रखा है। पाक विदेश मंत्री ने यह भी लिखा कि भारत ने सिंधु जल संधि को भी खत्म करने के संकेत दिए हैं।
शाह महमूद कुरैशी ने लिखा कि तनाव को कम करने के लिए कदम उठाना अनिर्वाय है और संयुक्त राष्ट्र को ऐसा करना जरूरी है। भारत को इस आतंकी हमले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। आपको भारत से इस असामान्य हालत को काबू करने के लिए कहना चाहिए, साथ ही हालातों को समान्य करने के लिए पाकिस्तान व कश्मीरियों से बातचीत करनी चाहिए।
साल 2016 व साल 2017 में दो दफा चीन ने मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगाया है। हिंदुस्तान के विभाजन के बाद कश्मीर दोनों राष्ट्रों के मध्य मतभेद का कारण हुआ है। भारत सदैव ही पाक पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है।
यूएन में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने ने एंटोनियो गुएटरेस और सुरक्षा परिषद् के सचिव से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि “उपमहाद्वीप में यह बढ़ता तनाव अफगान शान्ति प्रक्रिया के लिए खतरा हो सकता है।” अमेरिका 17 वर्षों के युद्ध के समापन तालिबान के साथ बातचीत कर रहे हैं।