भारत में स्थित पाकिस्तान के दूतावास के परिसर में प्रदर्शनकारियों की पंहुच पर विरोध प्रकट करते हुए इस्लामाबाद नें नई दिल्ली में अपनी राजनयिकों की सुरक्षा की मांग की है।
ट्रिब्यून के मुताबिक पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी दूतावास के हेल्पलाइन नम्बर पर आपत्तिजनक फ़ोन आ रहे थे।
विदेश विभाग के विशेष सचिव इम्तिआज़ अहमद ने कार्यकारी भारतीय उच्चायुक्त गौरव आलुवालिया को तलब कर विरोध प्रकट किया था। अहमद ने बताया कि सोमवार को पाक विरोधी प्रदर्शन में प्रदर्शकारी पाक दूतावास के दरवाजे तक पंहुच गए और गेट को तोड़ने का प्रयास किया था।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के समक्ष कड़ा विरोध जताने के बावजूद, पाक उच्चायुक्त का उत्पीड़न, पाकिस्तान हाउस और उसके राजनयिको व परिवार का शोषण जारी है, यहां तक की हेल्पलाइन नंबर पर धमकी भरी कॉल्स भी आ रही है।उन्होंने तत्काल सुरक्षा में इस लापरवाही की जांच की मांग की, पाकिस्तान दूतावास की पूरी सुरक्षा और राजनयिको व उनके परिवार के साथ दोबारा यह घटना न होने की मांग की थी।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाक विरोधी लहर भारत में दौड़ रही है। 14 फरवरी को पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर फियादिन आतंकी हमला किया गया था, जिसमें 44 सैनिक शहीद हुए थे। गुरुवार को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जेईएम ने ली है।
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तान उच्चायुक्त सोहैल महमूद को समन जारी किया और पुलवामा में सैनिकों की मृत्यु का विरोध प्रकट किया था।
पाकिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास के राजदूत अजय बिसारिया को भी उसी दिन वापस चर्चा के लिए नई दिल्ली बुलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार चाहती है कि पाकिस्तान जैश ए मोहम्मद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और तत्काल अपनी सरजमीं से आतंकवादियों के संचालन पर रोक लगाए।
पाकिस्तान ने पुलवामा हमले पर सफाई देते हुए कहा कि “जिले में यह आतंकी हमला गंभीर मामला है और उन्होंने भारतीय मीडिया और सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत बिना सबूत के पाकिस्तान के दामन को दागदार नहीं कर सकता है।”