चीन ने एक बार फिर भारत को लेकर निशाना साधा है। चीन का कहना है कि वन बेल्ट वन रोड पर भारत का विरोध सही नहीं है। इस मुद्दे पर भारत का रवैया अस्पष्ट व ढुलमुल है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिइंग ने कहा कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर(सीपीइसी) से कहीं भी भारत को परेशानी नहीं हो रही है।
इसके बावजूद भी भारत सीपीइसी को अपनी संप्रुभता का खतरा बता रहा है। भारत बेवजह इस प्रोजेक्ट पर संदेह कर रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर के रास्ते जाने वाले सीपीइसी प्रोजेक्ट का असर कहीं भी कश्मीर विवाद पर नहीं पड़ रहा है।
आगे कहा कि चीन का सीपीइसी प्रोजेक्ट भी चीन की वन बेल्ट वन रोड का हिस्सा है। दरअसल चीन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता भारत में रूस के राजदूत निकोलाई कुदाशेव के सीपीइसी पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थी।
चीन के सीपीइसी प्रोजेक्ट पर भारत का ऐतराज
गौरतलब है कि चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट के तहत करीब तीन लाख करोड़ रुपये की लागत से बना सीपीइसी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रास्ते से गुजरा है। इसी बात का भारत ने चीन के समक्ष विरोध दर्ज करवाया है।
भारत का कहना है कि कश्मीर क्षेत्र भारत व पाक के बीच विवादित मुद्दा है। इसलिए भारत कश्मीर रास्ते से चीन के प्रोजेक्ट को लेकर आपत्ति जता रहा है। इसके विरोध स्वरूप भारत ने चीन के कई प्रोजेक्ट से दूरी तक बना ली है। पिछले मई महीने में बीजिंग में हुई ग्लोबल समिट में भी भारत ने दूरी बना रखी थी।
वहीं इस मुद्दे पर चीनी प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को भारत व पाकिस्तान को बातचीत के जरिये सुलझाना चाहिए। इसमें चीन की कोई भूमिका नहीं है। सीपीइसी का उद्देश्य तो ज्यादा से ज्यादा देशों को जोड़कर आर्थिक विकास को गति देना है। चीन ने भारत से अपील की है कि वे इस पर विरोध छोड़कर प्रोजेक्ट में शामिल हो जाए।