वियतनाम में उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य आगामी बातचीत की तैयारियां जारी है। इन तैयारियों की सुरक्षा और प्रबंधन से जुड़े दो व्यक्तियों ने बताया कि किमजोंग उन हनोई की यात्रा ट्रैन से मुक्कमल करेंगे।
रायटर्स के मुताबिक हज़ारों किलोमीटर की इस यात्रा को मुक्कमल करने के लिए किम जोंग उन को ढाई दिनों का समय लग सकता है। यह सफर उत्तर कोरिया की राजधानी पियोंयांग से चीन और फिर वियतनाम तक होगा। अमेरिका और उत्तर कोरिया के नेताओं की मुलाकात 25 फरवरी को तय है।
सूत्र ने बताया कि किम जोंग उन की ट्रैन वियतनामी बॉर्डर स्टेशन डाँग डाँग पर रुकेगी। जहां से वह उतरकर, 170 किलोमीटर दूर हनोई तक कार से जायेंगे। बीते वर्ष जून में हुए ऐतिहासिक सम्मलेन के बाद हनोई में दूसरी मुलाकात तय है। उस दौरान दोनों राष्ट्रों के नेताओं ने परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिज्ञा ली थी।
पहले शिखर सम्मलेन के बाद बातचीत ठप पड़ गयी थी, लेकिन इसके बाद दोनों राष्ट्र किसी विशिष्ट समझौते पर पंहुचने की कोशिश करेंगे। इस सम्बंधित तीन सूत्रों ने बताया कि इस समारोह में नेताओं के लिए मुलाकात का आयोजन सरकारी गेस्ट हाउस में किया गया है, जो मध्य हनोई में औपनिवेशिक काल की है।
वियतनाम सरकार ने बुधवार को वेबसाइट में बताया कि प्रधानमंत्री न्गुयेन सुअन फुक ने इस आयोजन की तैयारी कर रही समिति से कहा कि शिखर सम्मलेन के दौरान सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि सरकारी गेस्ट हाउस के सामने स्थित मेट्रोपोल होटल एक अन्य विकल्प होगा।
शनिवार को किम जोंग उन के विश्वनीय किम चंग सोन ने राजधानी में स्थित सरकारी गेस्ट हाउस और मेट्रोपोल व मेलिआ होटल का दौरा किया था। किमजोंग उन यात्रा के दौरान मेलिआ होटल में ठहर सकते हैं।
ट्रैन से सफर तय करना किम जोंग उन, उनके पिता किम जोंग इल और दादाजी किम इल सुंग को काफी पसंद था। उत्तर कोरिया के जानकार ने बताया कि “किम जोंग इल एकांतप्रिय व्यक्ति थे। उन्हें विदेशी प्रतिनिधियों से मुलाकात रास नहीं आती थी और विदेशों में घूमना उन्हें पसंद नहीं था।”
साल 1958 में किम इल सुंग विमान से चीनी यात्रा पर गए थे, फिर बीजिंग से गुअन्ग्ज़्हौ ट्रैन से गए थे। साल 1964 में चीन द्वारा मुहैया किये गए एयरक्राफ्ट से किम इल सुंग वियतनाम गए थे।