अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद को लेकर चल रहे जमीनी विवाद की अगली सुनवाई की तारीख 26 फरवरी की मिली है। जिसमें पांच जजों की पीठ मामले को सुनेगी और विचार देगी। इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गगोई, जस्टिस एसए बोवडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अब्दुल नजीर की बेंच सुनेगी।
बता दें कि अयोध्या के विवादित भूमि की सुनवाई 29 जनवरी को होनी थी, लेकिन जस्टिस एसए बोवडे की गैर-मौजूदगी के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने इसे टाल दिया था। उस वक्त न्यायालय ने तारीख नहीं दी थी। आज तारीख आई है जो 26 फरवरी की है।
ज्ञात हो कि राम जन्मभूमि यूपी की एक विवादित जमीन है। जिसपर हिंदु व मुसलमान दोनों ही अपना दावा ठोकते आए हैं। साल 2010 में विवादित भूमि को इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया था। दरअसल लखनऊ हाई कोर्ट ने इस जमीन को तीन टुकड़ों में बांटने का आदेश दिया था। जिसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लल्ला विराजमान शामिल थे। बाद में इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई, जिसकी सुनवाई आज तक चल रही है।
बीते साल अक्टूबर में कोर्ट ने कहा था कि इस मामले पर हड़बड़ी न करें और 2019 में इसे चुनावी मुद्दे की तरह भी इस्तेमाल करने से मना किया था। 4 जनवरी को हुई सुनवाई में जजों ने इस केस को महज 60 सेकेंड में रोक दिया था। और बात 10 जनवरी के लिए टाल दी थी। बाद में आपसी मत भेद के कारण जस्टिस यू यू ललित ने खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया था।
अब अगली सुनवाई 26 फरवरी को होनी तय हुई है।