मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी दौरे पर गए थे। जहां उन्होंने भक्ति काल के संत रविदास को उनके जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर उन्होंने कहा कि निज हित के लिए जात-पात को बढ़ावा देना गलत है।
पीएम के अनुसार जातीयता समाज में दूरियां पैदा करती हैं, इसलिए हमें इसे तव्वजों नहीं देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, “गुरुजी (संत रविदास) हमेशा कहा करते थे कि जातिवाद समाज को खोखला करता है। हमें लोगों को बांटना नहीं है। इसके कारण लोग आपस में एक-दूसरे से जुड़ नहीं पाते हैं। जब तक देश में जातिवाद है तब तक देश में सामाजिक सद्भावना नहीं घर कर सकेगी।” उन्होंने बिना नाम लिए जनता को कहा कि आज जो देश में जातिवाद कर रहे हैं आपलोग उन्हें पहचानिए।
पीएम ने यह बातें अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता को संबोधित करने के वक्त कहीं।
ज्ञात हो कि संत रविदास 15वीं-16वीं शताब्दी में भक्तिकाल के कवि थे। वाराणसी में जन्म होने के कारण उनकी रचनाओं में मामूली सामाजिक चीजों का जिक्र मिलता है।
संत रविदास का हवाला देते हुए पीएम ने कहा कि, “वे जैसा भारत चाहते थे, हमारी पार्टी पिछले साढ़े चार साल से उनके सपनों का भारत बनाने में लगी है। हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारी पार्टी पंचधर्म निभा रही है। जिसमें शिक्षा, औषधि, सिंचाई, आय और जन समस्याओं का निदान करना शामिल है। हमें खेद है कि आज भी हमारा देश जात-पात में फंसा हुआ है। इसका नाश नहीं हुआ है। उम्मीद है कि युवा भारत इन सब से परे होगा।”
पीएम ने डीजल लोकोमोटिव वर्क्स में देश की पहली डीजल से इलेक्ट्रिक में परिवर्तित हुई ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक 22 दिसंबर 2017 से इस पर काम शुरु किया गया था।
पीएम ने कहा कि, ईमानदारी से इंसान को खुशी मिलती है। इस ओर हमने कार्य किया और लोगों के कालेधन व बेनामी संपति के खिलाफ शिकंजा कसना शुरु किया है। देश में ‘चलता है’ कि नीति पर लोग कार्य कर रहे थे। मेरी सरकार ने इस रवैये को बदलने की कोशिश की है।
एक महीने में यह दूसरी बार है जब मोदी अपने विधानसभा क्षेत्र दौरे पर गए है। पीएम ने वहां भी सरकार के इस वर्ष के बजट में जनता को सौंपी गई सुविधाओं का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री के भाषण से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें “काशी पुत्र” कहकर संबोधित किया था। कहा कि पीएम बिना किसी भेदभाव के पूरे देश को आगे ले जाने के लिए काम कर रहे हैं।