19 फरवरी को मेघालय के गवर्नर तथागत रॉय ने एक विवादित ट्वीट किया जिसमें उन्होंने ‘कश्मीरी बहिस्कार’ के साथ-साथ दौरे पर कश्मीर व अमरनाथ जाने से मना किया था। उन्होंने यह बयान जैश-ए-मोहम्मद संगठन की ओर से पुलवामा में किए गए आंतकी हमले को मद्देनजर रखते हुए किया था। जिसमें देश के 40 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई थी।
रॉय ने ट्वीट में संकेतिक तौर पर सेना के सेनानिवृत वरिष्ठ अधिकारियों को कश्मीर का दौरा करने से परहेज करने को कहा था। साथ ही कश्मीरी व्यापार को भी बंद करने को कहा था।
इस ट्वीट पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने जवाब में कहा कि, “तथागत रॉय जैसे लोग कश्मीरियों के बिना कश्मीर चाहते हैं। वे हमें शांति से नहीं देख सकते।” उन्होंने आगे कहा कि “अगर इतनी ही दिक्कत है तो आप हमारी नदियों से पानी बिजली भी लेना बंद कर दीजिए।
People like Tathagata want Kashmir but without Kashmiris. They’d sooner see us driven in to the sea. He’ll be best placed to know he can’t have one without the other so what’s it to be? https://t.co/BS1zAG78Xx
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 19, 2019
These are the bigots driving Kashmir over the abyss. While you are at it Tathagata why don’t you stop using our rivers to generate your electricity as well? https://t.co/BS1zAG78Xx
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 19, 2019
हालांकि रॉय को अपने ट्वीट के लिए भारतीय लोगों से से काफी कमेंट मिले। लोगों ने कहा कि ‘आप क्यों एक भारतीय राज्य के अगल या बहिस्कार करने की बात कह रहे हैं।’
आलोचना के बाद रॉय ने कहा, “सेवानिवृत्त सेना के कर्नल के सुझाव की प्रतिध्वनित करने के लिए मीडिया और कई अन्य लोगों से हिंसात्मक प्रतिक्रियाएं मुझे मिली हैं। यह सैकड़ों लोगों द्वारा हमारे सैनिकों की हत्या और 3.5 लाख कश्मीरी पंडितों को बाहर करने के लिए एक अहिंसक प्रतिक्रिया के रुप में है।”