अमेरिका ने एक भारतीय इंजीनियर को 27 साल कैद की सजा सुनाई है। इस पर अमेरिका में आतंकी संगठन अलकायदा की मदद करने का आरोप है। साथ ही आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप है। इंजीनियर पर अपने मुकदमे की सुनवाई कर रहे जज की हत्या के लिए फोन पर साजिश रचने का भी आरोप है।
आरोपी याह्या फारूख मोहम्मद को आतंकियों को फंडिंग करने,उनसे संबंधित बातों को गुप्त रखने व हिंसा का सपोर्ट करने के आरोप में सजा सुनाई गई है। फारूख को सजा सुनाते समय अमेरिकी जज ने कहा कि इसने हमारे नागरिकों, जज और ज्यूडिशरी की सुरक्षा को चुनौती दी। इसलिए अब इसे सजा मिल रही है।
अलकायदा के लीडर को की थी फंडिंग
आरोपी मोहम्मद को साल 2015 में उसके भाई इब्राहिम जुबेर मोहम्मद और दो भाइयों आसिफ अहमद सलीम एवं सुल्तान रूम सलीम के साथ गिरफ्तार किया गया था। इन्होंने अमेरिकी नागरिक और यमन में अलकायदा के लीडर अनवर एल अवलाकी को 22,000 डॉलर की रकम भेजी थी। लेकिन वह अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा जा चुका था।
इतना ही नहीं आरोपी ने अपने केस की सुनवाई कर रहे एक जज को जान से मरवाने की कोशिश भी की थी। आरोपी के वकील ने बताया कि आतंकवाद के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद मोहम्मद पर जेल के अंदर से उसके मामलों की सुनवाई कर रहे अमेरिकी जिला न्यायाधीश जैक जाउहरी की हत्या की साजिश रचने को लेकर मुकदमा चलाया गया।
मोहम्मद ने साल 2002 से 2004 के बीच में ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग का पढ़ाई की है। वह और उसका भाई भी भारतीय नागरिक है। इतना ही नहीं दोनों ने अमेरिकी नागरिक के साथ शादी की है।