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    आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद सरगना

    आतंकी मसूद अजहर को अमेरिका ने खलनायक करार दिया है। वहीं चीन आंतकी मसूद अजहर को बचाने मे लगा हुआ है। चीन का मानना है कि अभी मसूद को वैश्विक आतंकी करार देने में कई देशों के बीच में आम राय नहीं बन पाई है। इसे लेकर चीन अपनी वीटो पावर का गलत इस्तेमाल कर रहा है।

    अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नौअर्ट ने बुधवार को कहा कि निश्चित रूप से अमेरिका मानता है कि मसूद एक खलनायक है। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को चीन वैश्विक स्तर पर बचाना चाहता है।

    संयुक्त राष्ट्र संघ की अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों की सूची में मसूद अजहर का नाम शामिल किए जाने पर चीन ने हर बार आपत्ति दर्ज कराई है। चीन के ऐसा करने के पीछे का मकसद अपने दोस्त पाकिस्तान को फायदा पहुंचाना है। ताकि वह भारत में आतंकी गतिविधियों को जारी रखे।

    अमेरिका जैश को मानता है आतंकी संगठन

    पिछले सप्ताह ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन ने मसूद को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने के अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के प्रस्ताव को चौथी बार रोक दिया। जबकि मसूद का आंतकी संगठन जैश ए मोहम्मद प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की यूएन सूची में शामिल है।

    अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मुद्दे पर एक सवाल के जवाब के रूप में अपनी राय दी। हीदर ने कहा कि अमेरिका मसूद अजहर को आतंकवादी मानता है। यहां तक की अमेरिका ने जैश को विदेशी आंतकी संगठन की सूची में शामिल किया हुआ है।

    गौरतलब है कि यूएन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने कई बार आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रस्ताव पर अडंगा लगाया है।

    अगर एक बार इसे यूएन प्रतिबंधित सूची में शामिल कर दे तो मसूद अजहर की सारी संपति जब्त कर ली जाएगी व उसकी यात्रा पर भी रोक लग जाएगी। जिसके बाद अजहर आतंकी गतिविधियों को जारी नहीं रख पाएगा। क्योंकि उसे मिलने वाली सारी मदद पर रोक लगा दी जाएगी।