वेनुजुएला में राजनितिक और आर्थिक संकट बरकरार है और इससे उभरने के लिए 25 राष्ट्रों में देश को 10 करोड़ डॉलर मदद मुहैया करने की प्रतिज्ञा ली है। वेनुजुएला अभी अत्यधिक महंगाई और बुनियादी सुविधाओं की जरुरत से जूझ रहा है। व्ही देश के राष्ट्रपति निकोलस मजदूरों और विपक्षी नेता जुआन गुइदो मुल्क पर नियंत्रण करने की इच्छा पाले बैठे हैं।
अमेरिका सहित 50 राष्ट्रों ने विपक्षी नेता जुआन गुइदो को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया है, लेकिन राष्ट्रपति मादुरो को सेना, रूस, चीन व दर्जनों अन्य राष्ट्रों का समर्थन प्राप्त है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने वेनुजुएला को मदद देने के संकल्प की घोषणा ट्वीटर पर की थी।
वेनुजुएला में शरणार्थियों और आप्रवासियों के कार्य कर रहे समूह ओएएस के आयोजक डेविड स्मोलानकी ने कहा कहा कि यह मदद राशि सीधे कोलंबिया और ब्राज़ील से सटे सहायता संकलन केंद्रों पर पंहुचाई जाएगी। ओएएस की वांशिगटन में बैठक के दौरान जुआन गुइदो के प्रतिनिधि कार्लोस वेक्चिओ 23 फरवरी तक वेनुजुएला को मदद लेना प्राथमिकता है।
महंगाई में रिकॉर्ड उछाल
वेनुजुएला आधुनिक दौर के सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह महंगाई ने रिकॉर्ड तोड़ एक करोड़ फीसदी उछाल मारी है। वेनुजुएला के राष्ट्रपति आर्थिक संकट के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय मदद लेने को तैयार नहीं है और उनके मुताबिक उनका देश भिखारी नहीं है। राष्ट्रपति की लापरवाही और हटी रवैये के कारण कई छोड़ने पर मज़बूर होना पड़ा है। उनके खिलाफ देश में आक्रोश है, लोग उनकी गलत नीतियों और रवैये को इस आर्थिक संकट का जिम्मेदार मानते हैं।
अमेरिका की चाल
राष्ट्रपति मादुरो का कहना है कि अमेरिका की मदद मुल्क के आंतरिक मामलों में दखल देने का तरीका है और उनके खाद्य पदार्थ जहरीले हैं। रायटर्स के मुताबिक हाल ही में वेनुजुएला के तेल मंत्री और तेल कंपनी पीडीवीसीए के अध्यक्ष मानुएल केवडो ने कहा कि “प्रतिबंधों से देश की सेहत बिगड़ रही है और भारत जैसे देशों को तेल निर्यात में इजाफा करना चाहिए।” अमेरिका ने पीडीवीसीए पर तेल निर्यात करने पर प्रतिबन्ध लगा रखे हैं, ताकि समाजवादी राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बनाकर सत्ता से बहार किया जा सके।
वेनुजुएला के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार को ‘चरमपंथियों का गुट’ कहा था और अमेरिका पर संकट का आरोप लगाया था। राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार और मानवधिकार उल्लघन के आरोप लगाए गए हैं। तेल निर्यात करने पर प्रतिबन्ध लगा रखे हैं, ताकि समाजवादी राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बनाकर सत्ता से बहार किया जा सके।