चारा घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है। यह घोटाला करीब दो दशक पुराना है। लालू पर चारा घोटाले का आरोप सन 1996 में लगाया गया था। इस घोटाले में बिहार के कई बड़े राजनेताओं समेत बाहुबलियों का नाम सामने आया था।
देश के सबसे चर्चित घोटाले पर आज सीबीआई अदलात का फैसला आने वाला है। चलिए समझते है क्या है यह चारा घोटाला? चारा घोटाला पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे से संबंधित है। जिसमे पशुपालन विभाग के सरकारी खजाने से 950 करोड़ रुपए गमन करने का आरोप है।
आरोपों के अनुसार लालू यादव ने केंद्र सरकार द्वारा गरीब आदिवासियों को योजना के तहत गाय, भैंस, मुर्गी और बकरी पालन के लिए जो आर्थिक मदद मुहैया करवाया जाना था वो पैसा खुद हजम कर लिया था। इस मामले में कुल 56 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिनमें राजनेता, अफसर और चारा सप्लायरों तक का नाम शामिल था।
इस घोटाले में कुल 6 मामले लंबित है जिनमे से एक मामले में लालू पहले ही 5 साल की जेल की सजा काट चुके है। उस समय उनको अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। माना जाने लगा था कि लालू का राजनीतिक सफर अब यहीं समाप्त हो जाएगा लेकिन राजनीति के महान खिलाडी ने ऐसा दाव खेला कि विपक्ष के सारे अरमान पानी में बह गए।
लालू ने खुद की जगह अपनी धर्मपत्नी को बिहार का सीएम घोषित कर दिया। इस मामले में दोषी साबित होने के बाद लालू समेत जेडीयू नेता जगदीश शर्मा लोक सभा से अयोग्य ठहरा दिया गया था। चुनाव आयोग ने भी लालू के 11 साल तक लोकसभा चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया।
इस मामले में बड़ा मोड़ तब आया जब 3 अक्टूबर 2013 को लालू यादव पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया और उन्हें रांची की बिरसा मुंडा जेल में जाना पड़ा। हालंकि लालू ज्यादा दिन जेल में नहीं रहे और दिसंबर 2013 को ही जमानत पर रिहा हो गए।
8 मई 2017 को चारा घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लालू को बड़ी राहत पहुंचाते हुए उनकी दलीलों को मान लिया। कोर्ट ने कहा है कि हर केस में अलग-अलग ट्रायल होंगे।
गौर करने वाली बात है कि इस मामले से जुड़े 7 आरोपियों की मौत हो चुकी है जबकि 2 आरोपी अब सरकारी गवाह बन चुके हैं। घोटाले के एक आरोपी ऐसे भी है जिन्हे कोर्ट से से बरी किया जा चुका है।