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    स्मार्ट कार

    भारत संचार निगम लिमिटेड(बीएसएनएल) ने पहले मशीन टू मशीन प्रौद्योगिकी वाली कार को लांच करने के लिए हाल ही में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर के साथ साझेदारी की है। इसके अंतर्गत टाटा मोटर्स की कारों में सिमकार्ड लगाए जाएंगे जिससे टाटा मोटर्स की कारों को स्मार्ट कार बनाया जा सकेगा।

     बीएसएनएल चेयरमैन का बयान :

    बीएसएनएल के चेयरमैन अनुपम श्रीवास्तव ने इस मामले पर अपना बयान देते हुए कहा की हम पहले से ही एम्बेडेड सिम कार्यक्षमता के लिए टाटा मोटर्स के साथ भागीदारी कर चुके हैं। इससे पहले पांच लाख सिम कार्ड पहले ही मुहैया कराए गए थे, और हाल ही के प्रस्ताव के अंतर्गत ऐसे 10 लाख  कार्ड और मुहैया कराये जाएंगे। 

    अनुपम श्रीवास्तव ने यह भी कहा की बीएसएनएल को भविष्य में तैयार 5 जी क्षमता वाले 50 मिलियन एम 2 एम सिम कार्डों की बिक्री की आशा है। ये बिक्री ऑटोमोबाइल और होम ऑटोमेशन सेक्टर में की जायेगी।

    एम 2 एम प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी :

    एम 2 एम तकनीक सेंसर और अनुप्रयोगों का उपयोग करके वायर्ड और वायरलेस उपकरणों के बीच कम्युनिकेशन करने में मदद करती है। ऐसे सेंसर्स स्मार्ट-ट्रांसपोर्ट, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट ग्रिड, स्मार्ट होम और स्मार्ट हेल्थकेयर जैसे नए-पुराने बुनियादी ढांचों में लगाए जा सकते हैं। इससे आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन को बढ़ावा मिलता है।

    विशेषज्ञों ने कहा कि स्मार्ट कारों के आगमन से वाहन निर्माता अपने व्यवसाय को अगले स्तर पर ले जा सकते हैं और ट्रैफ़िक की जानकारी, मौसम के पूर्वानुमान और यहां तक कि चेहरे की पहचान के लिए वायरलेस नेटवर्क पर वास्तविक समय से जुड़ी सुविधाओं के साथ नए-पुराने उत्पादों का अनावरण करके बेहतर उपभोक्ता अनुभव प्रदान कर सकते हैं।

    बीएसएनएल तलाश रहा नए व्यावसायिक अवसर :

    113 मिलियन से अधिक मोबाइल ग्राहकों के साथ बीएसएनएल, क्षेत्र में बढ़ रही प्रतिद्वंद्विता के मद्देनजर उद्यम के नए अवसरों की तलाश कर रहा है। टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिद्वंद्विता अधिक बढ़ चुकी है जिससे यह दुसरे क्षेत्रों में अवसर तलाश रहा है। श्रीवास्तव का अनुमान है कि एम 2 एम स्पेस में बीएसएनएल की एंट्री कम से कम 20 रुपये प्रति माह प्रति सिम दे सकती है, जो संभावित रूप से 1,200 करोड़ रुपये के राजस्व अवसर में बदल जाएगी।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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