नरेश गोयल जोकि जेट एयरवेज के चेयरमैन ने हाल ही में एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार को पात्र लिखा है जिसमे उन्होंने कहा है की वे जेट एयरवेज में 700 करोड़ का निवेश करने को तैयार हैं। लेकिन इसके लिए उन्होंने कुछ शर्तें भी रखी हैं।
क्या है इसका कारण :
पिछले कुछ समय से जेट एयरवेज में बड़ा घाटा हो रहा है जिसके चलते जेट एयरवेज ने अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की भी घोषणा कर दी थी। ऐसे में जेट एयरवेज ओ निवेश की ज़रुरत है। ऐसे में उसके स्ट्रेटेजिक पार्टनर एतिहाद ने निवेश करने के लिए कड़ी शर्तें रखी हैं।
एतिहाद ने यह शर्त रखी है की वह जेट एयरवेज में तभी निवेश करेगी यदि नरेश गोयल इसका नियंत्रण छोड़ दें। लेकिन ऐसा करने से नरेश गोयल मुकर गए हैं।
नरेश गोयल ने रखी यह शर्त :
जेट एयरवेज के चेयरमैन द्वारा लिखे गए पत्र में वर्णित है की ये पत्र वे रेसोलुसन प्लान के तहत लिख रहे हैं। इसके साथ ही वे जेट एयरवेज में 700 करोड़ निवेश करने एवं अपने शेयर गिरवी रखने को तैयार हैं लेकिन वे ऐसा तभी करेंगे जब उनकी हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से ज्यादा बनी रहे।
SBI का जेट एयरवेज से सम्बन्ध :
यह बात उल्लेखनीय है की SBI जेट एयरवेज को उधार देने वाला सबे बड़ा लेंडर है। लेकिन जबसे जेट एयरवेज को बड़े घाटे हो रहे हैं एवं यह बंद होने की कगार पर आ रहा है तबसे ही SBI इसका कोई हल ढूंढ रहा है। SBI विभिन्न तरीकों पर विचार कर रहा है। लेकिन इसके चलते ही नरेश गोयल ने यह शर्तें रखी हैं।
अब यह SBI के ऊपर है की वे जेट एयरवेज का नियंत्रण नरेश गोयल के पास रखना चाहते हैं या नहीं। यदि नरेश गोयल के पास नियंत्रण रहता है तो वे जल्द ही इसमें 700 करोड़ का निवेश करेंगे जिससे बंद होने की कगार पर यह कंपनी थोड़ी सुरक्षित हो जायेगी।
लेकिन यदि नरेश गोयल की शर्तें नहीं मानी जाती हैं तो उनकी हिस्सेदारी घटा दी जायेगी एवं इसमें एतिहाद एयरवेज निवेश करेगी।