हाल ही में एक रिपोर्ट से सामने आया है कि देश में 81 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हे तत्काल नौकरी की आवश्यकता है, वहीं उनके सामने महज 1 लाख ही नौकरियाँ है।
ये रिपोर्ट नेशनल करियर सर्विसेस (एनसीएस) ने जारी की है। इसकी स्थापना जुलाई 2015 में की गयी थी।
देश में इस समय रोजगार को लेकर बुरा हाल है। देश के युवा या तो कौशल की कमी के कारण बेरोजगार हैं या फिर उन्हे सही वेतन नहीं मिल पा रहा है। केयर रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है की देश में नौकरियों का न होना ही एक हकीकत है।
देश में नौकरियों के मामले में अधिक अवसर प्रदान करने वाले प्राइवेट सेक्टर ने भी इस बार युवाओं को दगा दे दिया है। वित्तीय वर्ष 2018 में प्राइवेट सेक्टर में रोजगार की दर 3.8 प्रतिशत रही, जबकि वित्तीय वर्ष 2017 में यही दर 4.2 प्रतिशत थी।
वहीं रोजगार के मामले में केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने मीडिया को बताया है कि “अभी तक 45 लाख बेरोजगार युवाओं ने रोजगार एक्स्चेंज में रजिस्ट्रेशन किया है। ऑनलाइन पोर्टल होने कि वजह से अब युवा अपने नाम का रजिस्ट्रेशन घर पर ही कर सकते हैं।”
अभी तक इस पोर्टल के माध्यम से 9.63 लाख नौकरियों के लिए करीब 4.27 करोड़ युवा आवेदन कर चुके हैं।
मालूम हो कि वर्ष 2014 के आम चुनावों के दौरान बीजेपी ने सरकार बनने के बाद देश में हर साल करीब 1 करोड़ नौकरियों के उत्पादन कि बात कही थी, लेकिन बाद में वो सभी बातें कोरी ही साबित हुईं।