रेलवे मंत्रालय ने अगले पांच सालों में देश की सभी रेल लाइनों के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे विभाग अगले वित्तीय वर्ष से हर साल 8,000 किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण करेगा।
निश्चित अनुबंध के तहत पहले साल में 1500-2000 किलोमीटर रेल लाइनों के विद्युतीकरण का काम सरकारी राजकोष से शीघ्र पूरा किया जाएगा।
रेलवे के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि, हम समय और लागत में कमी लाने के लिए डिजाइन और प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश रहे हैं। इसके साथ ही बोलीदाताओं के लिए योजना तैयार कर रहे हैं, जिससे वो अगले चार-पांच सालों के लिए अपने अनुबंधों को सुनिश्चित कर सकते हैं।
रेलवे के इस अधिकारी ने कहा कि देश में मौजूद 66,000 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों का लगभग आधा विद्युतीकरण किया जा चुका है, उन्होंने कहा कि यात्री और माल ढुलाई का 70 फीसदी ट्रैफिक जोन 40,000 किलोमीटर रेल मार्ग से जुड़ा है। मौजूदा समय में रेलवे का ईंधन बिल 26,500 करोड़ रुपए का है। जब कि रेलवे विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद प्रतिवर्ष 10,500 करोड़ रुपए की बचत होगी।
रेलवे विद्युतीकरण की कुल लागत लगभग 30,000-35,000 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। लेकिन रेलवे ने बड़े अनुबंधों के जरिए इस खर्च में 20 फीसदी कटौती करने का लक्ष्य बना रखा है। इस बड़े अनुबंध के तहत एक बार में 1500—2000 किमी. रेलवे विद्युतीकरण का काम दिया जाएगा।
रेलवे भारत के लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एलआईसी) और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईआरएफसी) से विद्युतीकरण के लिए धन जुटाएगा। रेलवे विभाग राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) से भी उधार ले सकता है।
रेल वित्त विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “चूंकि विद्युतीकरण परियोजनाओं पर रिटर्न उच्च है, इसलिए हम आईआरएफसी फंड का उपयोग करने पर भी विचार कर सकते हैं, जो वर्तमान में केवल रोलिंग स्टॉक हासिल करने के लिए उपयोग किया जाता है।”