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    बाबा रामदेव

    वर्ष 2018 पतंजलि के लिए कुछ ख़ास साबित नहीं हुआ है। इस साल में पतंजलि की बिक्री में सबसे बड़ी गिरावट देखी गयी एवं इसके साथ ही इसके प्रॉफिट में भी अच्छी खासी कमी देखी गयी है।

    पतंजलि आयुर्वेद की आय की रिपोर्ट :

    केयर रेटिंग्स द्वारा पेश की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2018 में कम्पनी का स्वयं के ग्राहकों का राजस्व 10 प्रतिशत गिरकर 8148 करोड़ रूपए हो गया था। इतनी बड़ी गिरावट 2013 के बाद पहली बार दर्ज की गयी थी। GST के आने के बाद इस कंपनी को उसी के हिसाब से ढलने में एवं उस कर के हिसाब से अपनी आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने में कुछ वक्त लग गया। इन्ही कारणों के चलते इसे अपनी आय का पतन झेलना पड़ा। लेकिन अब आशा है की आने वाले समय में इस कंपनी का अच्छा प्रदर्शन हो।

    क्या हैं मुख्य कारण :

    इकनोमिक टाइम्स के द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार प्रॉफिट में कमी एवं बिक्री में गिरावट का मुख्य कारण तेजी से बढ़ी प्रतिस्पर्धा माना जा रहा है। इस साल पतंजलि के कई प्रतिद्वंदियों ने इसके जैसे उत्पाद लांच किये हैं एवं इसके साथ ही कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भी प्रोडक्ट लांच करके इसकी प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया है।

    जीएसटी एवं नोटबंदी भी हैं वजह :

    इसके अलावा उन्होंने नोटबंदी एवम जीएसटी का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा की इस वर्ष गीएस्ती एवं नोटबंदी ने भी FMCG सेक्टर की वृद्धि पर असर डाला है। लेकिन इसके बावजूद हिंदुस्तान युनिलेवर ने 12 प्रतिशत आय वृद्धि की वहीँ आइटीसी एवं नेस्ले ने क्रमशः 11.30 प्रतिशत एवं 10.50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

    मार्च 2018 में पहली बार पतंजलि की घरेलु उत्पादों से होने वाली आय 10 प्रतिशत घटकर केवल 8148 करोड़ रह गयी। रिपोर्ट्स की माने तो यह वित्तीय वर्ष 2013 के बाद पहली बार इसकी आय का पतन हुआ है।

    GST के आने के बाद इस कंपनी को उसी के हिसाब से ढलने में एवं उस कर के हिसाब से अपनी आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने में कुछ वक्त लग गया। इन्ही कारणों के चलते इसे अपनी आय का पतन झेलना पड़ा।

    पतंजलि के लिए नही यह चिंता का विषय : आचार्य बालकृष्ण

    इस पर आचार्य बालकृष्ण ने बयान दिया की यह उनके लिए कोई बड़ी चिंता का विषय नहीं है। चूंकि कंपनी पिछले वित्त वर्ष में बिक्री, भविष्य के निवेश और वितरण नेटवर्क में सुधार के लिए एक प्रमुख योजना में शामिल थी, राजस्व वृद्धि में मामूली गिरावट तो होनी ही थी।

    उन्होंने यह भी कहा है की मांग में हमें कोई मंदी देखने को नहीं मिली है इसलिए चिंता करने की कोई वजह नहीं है। इस समय में हमने अपना ध्यान वितरण नेटवर्क को बढाने में लगाया है जिसका परिणाम हमें जल्द ही देखने को मिलेगा।हमें पूरा विशवास है की अगले साल इन हालातों में सुधार देखने को मिलेगा।

    रूचि सोया को खरीद को उत्सुक पतंजलि :

    कुछ समय पहले अदानी के रूचि सोया को खरीदने से मुकरने के बाद पतंजलि ने उसे खरीदने की पेशकश की है एवं वे अडानी विल्मर जितनी राशि चुकाने के लिए तैयार हैं।

    कुछ रिपोर्टों के मुताबिक़ अडानी विल्मर ने 4,300 करोड़ रुपये के ऋण का निपटान करने और बीमार कंपनी को पुनर्जीवित करने के लिए इक्विटी में 1,174 करोड़ रुपये का निवेश करने की पेशकश की, जबकि पतंजलि ने 4,065 करोड़ रुपये का ऋण चुकाने और इक्विटी में 1,700 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव दिया।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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