अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को देश में नए गृह मंत्री और सुरक्षा मंत्री की नियुक्ति की है। इन पड़ी पर आसीन नए अधिकारी पाकिस्तान और तालिबान के कट्टर आलोचक हैं। हाल ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान में अपनी सेना की मौजूदगी की कटौती करने की योजना बना रहे हैं, इस बीच अफगानी राष्ट्रपति का यह पहला बदलाव है।
पाकिस्तानी आलोचकों को प्रमुख पद
राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अफगानी ख़ुफ़िया विभाग के पूर्व प्रमुख अमरुल्लाह सालेह को गृह मन्त्री का पद और असदुल्लाह खालिद को रक्षा मंत्री का पद सौंपा गया है। यह दोनों मंत्री पाकिस्तान के मुखर आलोचक रहे हैं और तालिबान के अफगान सरजमीं के आरोप भी पाकिस्तान पर लगाते रहे हैं।
साल 2012 में तालिबान के आत्मघाती हमलावरों में विस्फोट में असदुल्लाह खालिद बेहद बुरी तरह जख्मी हुए थे, अलबत्ता दोनों मंत्रियों की निय्युक्ति के लिए अभी संसद की मंज़ूरी लेना शेष है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि 17 सालों के जंगी माहौल के शांति पूर्ण अंत के लिए सोमवार को अफगानिस्तान की यात्रा पर जा रहे हैं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री की अफगानी यात्रा
पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत के लिए हम तालिबान के सदस्यों को रिहा कर देंगे। अमेरिका के विशेष राजदूत ज़लमय खलीलजाद के साथ तालिबान की हाल ही में बैठक हुई थी। खलीलजाद ने ट्वीट कर इस वार्ता को फलदायी बताया था।
तालिबान ने पाकिस्तान, सऊदी अरब और यूएई के अधिकारियों के साथ भी शांति वार्ता के लिए मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक के दौरान तालिबान अफगानिस्तान की सरजमीं से विदेशी बलों को बाहर निकालने की मांग रखेंगे।
वांशिगटन निश्चित रूप से अपने अफगानिस्तान अभियान में कटौती करने का मन बना चुका है। अमेरिका का यह कदम आतंकी समूह तालिबान को वापस अपने पैर पसारने का अवसर मुहैया करेगा। अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान में नवम्बर 2001 में आक्रमण के दौरान एंट्री हुई थी। यह सितम्बर 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन में हुए हमले का प्रतिकार था।