दिल्ली से मेरठ तक का रेल नेटवर्क तेज़ी से बन रहा है। इसके पूरे होते ही दिल्ली से मेरठ तक केवल 1 घंटे में पहुंचना संभव हो जाएगा। दिल्ली सरकार ने आगामी हाई-स्पीड दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए सराय काले खान में एक एलिवेटेड स्टेशन बनाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
इस प्रस्ताव को चार महीने लंबित होने के बाद मंजूरी मिली है। चार महीने पहले दिल्ली सरकार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। एलिवेटेड स्टेशन बनाने की लंबित मंजूरी परियोजना की गति के लिए एक बाधा थी। लेकिन जैसा की अब ये मिल चुकी है अब फिर से काम ज़ोरों पर होगा और जल्द ही यह परियोजना समाप्त होगी। इस प्रस्ताव को मंजूरी इस परियोजना को बढ़ावा देगी।
दिल्ली सरकार ने क्यों ठुकराया था प्रस्ताव :
दिल्ली सरकार ने प्रारम्भ में आरआरटीएस का एलिवेटेड स्टेशन बनाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। उन्होंने यह हवाला दिया था की यदि सरायकालेखां पर एलिवेटेड स्टेशन बनता है तो इससे सरायकालेखां का विकास रुक जाएगा। इसके चलते यह प्रस्ताव ठुकरा दिया गया था। NCRTC, जो RRTS परियोजना को लागू करने के लिए जिम्मेदार है, ISBT पुनर्विकास योजना को डिजाइन करने और संबंधित अधिकारियों से महत्वपूर्ण अनुमोदन लेने के लिए सहमत हुआ। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आरआरटीएस स्टेशन के निर्माण के लिए निर्णय पारित किया ताकि आईएसबीटी को पूरा करने मिएँ देरी ना हो।
NCRTC के प्रवक्ता का बयान :
सीपीआरओ, एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुधीर कुमार शर्मा के अनुसार, सराय काले खां में एलिवेटेड स्टेशन का निर्माण आरआरटीएस परियोजना के साथ-साथ आईएसबीटी पुनर्विकास परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने यह भी कहा “सराय काले खां केवल एक ऊंचा स्टेशन होना चाहिए था क्योंकि यह एक मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब टर्मिनल स्टेशन बन रहा है और दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-अलवर और दिल्ली-सोनीपत-पानीपत क्षेत्रीय जैसे तीन अलग-अलग रैपिड ट्रांजिट सिस्टम गलियारों के लिए एक सामान्य विलय बिंदु है।”
सूत्रों के अनुसार, इस तीनों गलियारों का एक साथ संचालन तभी संभव होता जब सराय काले खां में एक ऊंचा स्टेशन होता। एक भूमिगत स्टेशन ने एक समस्या उत्पन्न की होगी क्योंकि यह दिल्ली मेट्रो के पिंक लाइन के निज़ामुद्दीन स्टेशन के साथ-साथ निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन के साथ हस्तक्षेप करेगा।