चीन और पाकिस्तान नें रविवार को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को आगे बढानें और दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की शपथ ली।
आपको बता दें कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी और स्टेट काउंसलर इस समय पाकिस्तान के दौरे पर हैं। इस दौरान इन्होनें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से इस्लामाबाद में मुलाकात की।
आपको बता दें कि आरिफ अल्वी हाल ही में पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति बने हैं। ऐसे में वांग यी उनके पहले विदेशी मेहमान थे।
अल्वी नें इस दौरान बताया कि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती दोनों देशों के लिए बहुत अहम् है। उन्होनें बताया कि पिछले पांच दशकों से दोनों देशों के बीच सम्बन्ध रहे हैं और यह दोनों देशों के लोगों के दिलों में साफ़ दिखता है।
इस दौरान अल्वी नें सीपीईसी की भी बहुत तारीफ़ की। उन्होनें इसे चीन की एक विशाल योजना बताया जो दोनों देशों के लिए बहुत लाभदायक हो सकती है। उन्होनें कहा कि आने वाले समय में पाकिस्तान को इससे बहुत फायदे होने वाले हैं।
उन्होनें बताया कि पाकिस्तान की नयी सियासत सीपीईसी के निर्माण को लेकर बहुत गंभीर है और वह चीन से कई ऐसे क्षेत्रों में सहायता लेना चाहता है, जिसमें पाकिस्तान पिछड़ा हुआ है।
इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी नें बताया कि वैश्विक तौर पर कोई भी स्थिति हो, दोनों देशों के रिश्तों में कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होनें कहा कि उनके आने का मुख्य मकसद यह था कि वे नवनिर्वाचित पाकिस्तान की सरकार से मुलाकात कर सकें और चीन के साथ मजबूत सम्बन्ध सुनिश्चित कर सकें।
इस दौरान वांग यी नें अल्वी से चीन द्वारा गरीबी को कम करने की योजना पर भी चर्चा की। इसके अलावा उन्होनें भ्रष्टाचार आदि से निपटने पर भी चर्चा की।
उन्होनें इस दौरान पाकिस्तानी सियासत से सीपीईसी पर काफी बातचीत की। उन्होनें चीन की इस योजना के बारे में जिक्र किया, जिसके मुताबिक चीन सीपीईसी को पश्चिम पाकिस्तान तक फैलाना चाहता है।
इसके अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान नें भी वांग यी से काफी देर मुलाकात की। उन्होनें इस दौरान कहा कि उनकी सरकार दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए सदैव तत्पर है।
सीपीईसी पर इमरान खान नें कहा कि यह एक महत्वपूर्ण योजना है और उनकी सरकार हमेशा चीन के साथ मिलकर इस योजना के निर्माण में सहयोग देंगें।
इसके बाद वांग यी नें इमरान खान के उस बयान की तारीफ़ की, जो उन्होनें प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद दिया था। इसमें खान में कहा था कि उनकी सरकार की प्राथमिकता यह रहेगी कि वे चीन से रिश्तें कमजोर ना होनें दें।
इमरान नें सीपीईसी के बारे में कहा कि इसकी मदद से पाकिस्तान को आर्थिक और सामाजिक काफी मदद मिलेगी। उन्होनें कहा कि इससे पाकिस्तानी लोगों को रोजगार मिलेगा और उनकी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इसके अलावा चीनी विदेश मंत्री नें पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष कमर जावेद बाजवा और अन्य अधिकारीयों से भी मुलाकात की।