भारतीय एयरटेल अब भविष्य के टेलीकॉम बाज़ार के लिए अपनी रणनीति को बेहद पुख्ता करने की दिशा में आगे बढ़ता हुआ दिख रहा है। इसी के तहत एयरटेल अब अपने 2G और 3G नेटवर्क यूजर को धीरे-धीरे 4जी की ओर मोड देना चाहता है।
अपनी इस योजना के तहत एयरटेल एक ओर जहाँ अपने यूजरों को बेहतर सर्विस दे पाएगा, वहीं इसी के साथ एयरटेल खुद को भी बाज़ार में जियो के सामने मजबूती से खड़ा कर पाएगा।
इसी के साथ एयरटेल के बड़े अधिकारी गोपाल विट्ठल ने बताया है कि एयरटेल अब अपने कदम इस दिशा में तेज़ी के साथ बढ़ा रहा है, इसके तहत एयरटेल अब अपनी 900 मेगाहट्ज़ बैंड की एयरवेव्स में बदलाव कर उसे 4जी के लिए तैयार करना चाहता है। वर्तमान में इन प्रीमियम बैंड का उपयोग 2G नेटवर्क के प्रसारण के लिए हो रहा है।
विट्ठल ने कहा है कि “हम देश में 4G नेटवर्क की डिमांड में नाटकीय रूप से बढ़ोतरी देख रहे हैं, वहीं इसके चलते हम 900 मेगाहट्ज़ वाले बैंड से 4G ग्राहकों को सेवा देंगे, जबकि 2जी नेटवर्क की सुविधाएं 1800 मेगाहट्ज़ पर चालू रहेंगी।”
वहीं तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि देश में कुछ अंतराल के बाद 3G सुविधा का पूरी तरह से अंत हो जाएगा। गौरतलब है कि 3G सुविधा के बाज़ार में आने के बाद इसके लिए मोबाइल ऑपरेटरों ने अधिक से अधिक शुल्क वसूलना चालू कर दिया, जिस वजह से 3जी सुविधा आमजनों के लिए महँगी नेटवर्क सुविधा हो गयी। 3जी सुविधा के अंतर्गत नेटवर्क ऑपरेटर 1 जीबी मोबाइल डाटा के लिए 300 से 400 रुपये तक चार्ज कर रहे थे।
वहीं एयरटेल के सीईओ सुनील मित्तल ने कहा है कि “एयरटेल द्वारा हाल ही घोषित किया गया 119 करोड़ का तिमाही मुनाफा एयरटेल के व्यापार को और फैलने में मदद करेगा।”
वर्तमान में एयरटेल के पास 16 सर्कलों में 900 मेगाहट्ज़ की 116 यूनिटें हैं, जिनके द्वारा एयरटेल पूरी तरह से 2G नेटवर्क का संचालन कर रहा है।
विट्ठल ने कहा है कि “2जी के लिए वर्तमान में इस्तेमाल की जा रहीं एयरवेव्स अगर 4G नेटवर्क के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो इससे ने सिर्फ लोगों को बेहतर नेटवर्क सुविधा मिलेगी, बल्कि एयरटेल को भी अधिक राजस्व प्राप्त होगा।”