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    गन्ने का जूस पीने के फायदे

    नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)| साल 2019-20 में कुल चीनी उत्पादन 282 लाख टन होने की उम्मीद है। यह वर्तमान चीनी सत्र की तुलना में 47 लाख टन कम होगा। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिशन (इस्मा) ने सोमवार को यह जानकारी दी।

    जून 2019 के उपग्रह के चित्रों के आधार पर इस्मा ने 2019-20 के लिए अक्टूबर से शुरू होने वाले चीनी उत्पादन और गन्ने का प्रारंभिक अनुमान पेश किया है।

    इस साल (2018-19) में उत्पादन 329.5 लाख टन रहने की संभावना है।

    देश में गन्ने का कुल रकबा 2019-20 में लगभग 49.31 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो 2018-19 के गन्ना सत्र से 10 फीसदी से अधिक कम है। 2018-19 में गन्ना का रकबा 55.5 लाख हेक्टेयर रहा है।

    उत्तर प्रदेश प्रमुख गन्ना व चीनी उत्पादक राज्य है। उत्तर प्रदेश में 2019-20 में 23.60 लाख हेक्टेयर गन्ना का रकबा रहने की उम्मीद है। इससे पहले बीते साल राज्य में 24.11 लाख हेक्टेयर गन्ने का रकबा रहा है। गन्ना क्षेत्र में करीब दो फीसदी की कमी आई है।

    इस्मा ने कहा, “राज्य के बाकी हिस्सों में उच्च पैदावार वाले गन्ने की किस्मों द्वारा प्रजातियों के प्रतिस्थापन को ध्यान में रखते हुए सामान्य परिस्थितियों में पैदावार में प्रति हेक्टेयर सुधार होने की उम्मीद है। इस तरह से उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 2019-20 में 120 लाख टन के करीब रहने का अनुमान है, जो 2018-19 के 118.23 लाख टन के समान स्तर पर या उसके करीब रहने की संभावना है।”

    चीनी के अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में बारिश की कमी के कारण गन्ने के बुआई क्षेत्रफल में 30 फीसदी की कमी हुई है।

    कर्नाटक में भी गन्ने का क्षेत्रफल 2019-20 में 4.20 लाख हेक्टेयर ही रहने का अनुमान है।

    तमिलनाडु में गन्ने का क्षेत्रफल 2018-19 के 2.60 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.30 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है। चीनी का उत्पादन 7.50 लाख टन होने का अनुमान है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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