भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि 26/11 मुंबई हमलावरों के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका के साथ हम संपर्क में हैं। भारत के विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने कहा कि सरकार आरोपियों को भारतीय हिरासत में लेने के लिए सम्बंधित अमेरिकी विभाग के संपर्क में हैं। यह साल 1997 में हुई अमेरिका-भारत प्रत्यर्पण संधि के तहत है।
वीके सिंह ने कहा कि हाल ही में 13-15 दिसम्बर 2018 में राष्ट्रीय जांच विभाग की एक टीम अमेरिका की यात्रा पर गयी थी, ताकि अमेरिकी विभाग से बातचीत की जा सके। पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी डेविड हेडली 26 नवम्बर 2008 को हुए हमले का साजिशकर्ता है।
मुंबई हमले में 166 लोगों की जान गयी थी, जिसमे 10 मुल्कों के 28 विदेशी भी शामिल थे। इस आतंकी हमले को अंजाम देने के जुर्म में डेविड हेडली को 35 साल की कारावास की सज़ा हुई थी।
वीके सिंह ने कहा कि अमेरिका मुंबई हम्वारों की पहचान उजागर करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के वादे से बंधा हुआ है कि वह इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका की 2+2 मंत्रीय स्तरीय वार्ता में दोनों राष्ट्रों ने मुंबई हमले के आरोपियों को सज़ा दिलाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाया था। साथ ही पठानकोट, उरी सीमा पार आतंकी हमलों की जांच के लिए भी पाकिस्तान को कहा था।
आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ वहां ट्रायल जारी है। भारत इस मुक़दमे में जल्द न्याय की संभावनाएं तलाश रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ ने कहा था कि मुंबई हमले के तार पाकिस्तानी सरजमीं से जुड़े हुए थे।
अफगानिस्तान, ईरान और अमेरिका भी पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगा चुका है। अफगानिस्तान के मुताबिक पाकिस्तान की सरजमीं से तालिबान सक्रिय रहता है और पाकिस्तानी हुक्मरान उन्हें सुरक्षा मुहैया करते हैं।