भारत की मायानगरी मुंबई के भव्य ताज होटल में 26 नवम्बर को हुए आतंकी हमले के बारे में सोचकर ही आज भी भारतीयों की रूह काँप जाती है। इस हमले में लाखों बेकसूरों ने अपनी जान गँवा दी थी लेकिन सेना और शासन की कारवाई ने कई नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला था।
अमेरिका ने सोमवार को ऐलान किया कि साल 2008 में हुए आतंकी हमले की सूचना देने वाले हर व्यक्ति को 5 मिलियन डॉलर के इनाम से सम्मानित किया जायेगा।
इस आतंकी हमले में डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार ने 35 करोड़ से अधिक रकम देने का ऐलान किया है। 26 नवम्बर को हुए इस आतंकी हमले में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा आतंकी समूह के 10 आतंकी ताज पैलेस के अन्दर दाखिल हो गए थे, इस हमले में उन्होंने छह अमेरिकी सहित 166 बेकसूर लोगों को मार दिया था।
हाल ही में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेन्स के साथ सिंगापुर में आयोजित सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के 10 साल बाद भी आतंकियों को सज़ा नहीं मिली है। स्टेट डिपार्टमेंट रिवॉर्ड फॉर जस्टिस प्रोग्राम में कहा कि वह इस हमले के अर्प्राधियों को पकड़ने में सबूत मुहैया करने वाले सभी लोगों को 5 मिलियन डॉलर की सहायता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र हमारे अंतर्राष्ट्रीय साझेदारो के साथ साल 2008 में हुए हमले के आरोपियों को पहचानने और उन्हें सज़ा दिलावाने के लिए कार्य करने को प्रतिबद्ध है।
दिसम्बर 2001 में स्टेट डिपार्टमेंट रिवॉर्ड फॉर जस्टिस प्रोग्राम ने एलईटी के संस्थापक हफीज सईद और आतंकी अब्दुल रहमान सक्की से सम्बन्धी सूचना के लिए इनाम का ऐलान था। उन्होंने एलईटी को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था।
स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा है कि अगर किसी के पास इस वारदात से सम्बंधित कोई सूचना है तो तत्काल रिर्वाड फॉर जस्टिस ऑफिस पर संपर्क करें। साथ ही सूचना देने वाले अपने निकटताम दूतावास से भी संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी सूचनाओं को गोपनीय रखा जायेगा।