भारत में बेरोजगारी को लेकर चिंता बढ़ रही है। एक नए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि 46 फीसदी शहरी भारतीयों की सबसे ज्यादा चिंता बेरोजगारी को लेकर है। मार्केट रिसर्च कंपनी इप्सोस के सर्वेक्षण ‘व्हाट वरीज द वर्ल्ड’ की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, परिणामों से खुलासा हुआ है कि अक्टूबर की तुलना में नवंबर में कम से कम तीन फीसदी ज्यादा शहरी भारतीय बरोजगारी को लेकर चिंतित हैं।
सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि कुछ अन्य मुद्दे भी भारतीयों को चिंतित करते हैं, जिसमें वित्तीय व राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध व हिंसा, गरीबी और सामाजिक असमानता और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं।
एक बयान में इप्सोस इंडिया के पब्लिक अफेयर्स एंड कॉरपोरेट रिपुटेशन, कंट्री सर्विस लाइन लीडर पारिजात चक्रवर्ती ने कहा, “सरकार को रोजगार सृजन पर अधिक जोर देने की आवश्यकता है, क्योंकि नौकरियों की कमी शहरी भारतीयों को परेशान करती है, क्योंकि ज्यादातर युवा नौकरी से जुड़ते हैं। इसके अलावा, अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी सख्त लगाम कसने की जरूरत है।”
चिंतित होने के बावजूद वोट में भाग लेने वाले (69 फीसदी) ज्यादातर शहरी भारतीयों ने कहा कि भारत जिस दिशा में बढ़ रहा है, उसे लेकर वे आशावादी हैं।
इसके विपरीत वैश्विक नागरिक भविष्य को लेकर बेहद निराशा में दिखाई दिए। इसमें से 61 फीसदी जिन्होंने वोट में भाग लिया, उन्होंने कहा कि देश गलत राह पर जा रहा है।
इस सर्वेक्षण को दुनिया भर के 28 देशों में मासिक रूप से इप्सोस ऑनलाइन पैनल प्राणाली के जरिए किया गया।
इस मौजूदा सर्वेक्षण में 20,000 वयस्कों ने भाग लिया।