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    राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) द्वारा भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का फिटनेस टेस्ट कराने से इनकार करने के बाद एनसीए की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। बुमराह हालांकि स्ट्रेस फ्रेक्चर की समस्या से उबर रहे हैं लेकिन वह एनसीए में जरूरी फिटनेस टेस्ट नहीं दे पाएंगे।

    भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने हालांकि कहा है कि वह एनसीए के अध्यक्ष राहुल द्रविड़ से बात कर इसका पता लगाने का प्रयास करेंगे कि आखिरकार क्यों एनसीए में बुमराह का फिटनेस टेस्ट क्यों नहीं कराया जा सका।

    गांगुली ने कहा, “द्रविड़ से काफी उम्मीदें हैं। वह शानदार खिलाड़ी रहे हैं। आप उनसे सटीकता और प्रतिबद्धता की उम्मीद कर सकते हैं। हमने द्रविड़ को एनसीए की जिम्मेदारी इसलिए दी है कि वह इसे और अच्छे से संगठित कर सकें। अंतत: हम उनके रोल को आगे बढ़ाएंगे। मैंने उनसे बात की है और अधिकारियों से भी बात की है। आपको सप्ताह भर के समय में जानकारी मिल जाएगी।”

    यहां आयोजित एक कार्यक्रम से इतर गांगुली ने कहा, “मैं पता लगाने की कोशिश करूंगा कि असल कारण क्या है। एनसीए हर इंटरनेशनल क्रिकेटर के लिए पहला और अंतिम पड़ाव होना चाहिए।”

    गांगुली ने कहा, “मैंने अभी दो महीने पहले ही कामकाज सम्भाला है। मैं इस सम्बंध में द्रविड़ से बात करुं गा। मैं उनसे कुछ बार मिला हं। हम इस समस्या को समझते हैं और इसे हल करने की कोशिश करेंगे। ”

    गांगुली ने आगे कहा, “बाहर से लगता है कि मामला कुछ और है। बुमराह जब एनसीए गए थे तब मैं सिस्टम में नहीं था। क्या हुआ? अगर आप मुझसे पूछेंगे तो एनसीए भारतीय पेसरों के लिए अंतिम पड़ाव है। हर चीज एनसीए से होकर गुजरनी चाहिए और इसी कारण मैं कह रहा हूं कि हम इसका जवाब खोजने की कोशिश करेंगे।”

    बुमराह विश्व कप के बाद से ही चोटिल हैं और अब सुधार की अंतिम प्रक्रिया में हैं। वह वेस्टइंडीज के साथ विशाखापट्टनम में हुए दूसरे वनडे मुकाबले के दौरान नेट प्रेक्टिस के लिए पहुंचे थे।

    मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कई कारणों से बुमराह एनसीए में फिटनेस टेस्ट नहीं दे सके। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि बुमराह ने टीम प्रबंधन को कहा था कि वह रीहैब के लिए एनसीए जाने को इच्छुक नहीं हैं।

    एनसीए बुमराह का फिटनेस टेस्ट करने को इच्छुक नहीं था क्योंकि रीहैब के दौरान बुमराह ने निजी फिटनेस स्पेशलिस्ट से काम लिया था। वह रिहैब के लिए एनसीए नहीं गए थे।

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