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    रेलवे ने मार्च 2024 तक 102 वंदे भारत ट्रेनों के संचालन की योजना है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 75 वंदे भारत ट्रेनों के संचालन की घोषणा के कुछ दिनों बाद रेल मंत्रालय ने 58 रेक के निर्माण के लिए निविदाएं जारी की हैं, जिनमें से प्रत्येक में 16 कोच हैं। 44 रेक बनाने के लिए निविदाएं पहले ही मंगाई जा चुकी हैं।

    रेलवे अधिकारियों का कहना है कि 102 वंदे भारत ट्रेनें 2024 की शुरुआत तक चालू हो जाएंगी। ट्रेन 18, जिसे बाद में वंदे भारत एक्सप्रेस नाम दिया गया, को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई द्वारा शुरू किया गया था। इसे 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन दक्षता और गेम-चेंजर इमेज के साथ भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन के रूप में प्रदर्शित किया गया था।

    75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर प्रधान मंत्री मोदी ने कहा था कि देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने के लिए 75 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।

    नए निविदाओं में रेल मंत्रालय ने सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश 2017 के अनुपालन पर जोर दिया और कहा कि “आवश्यक मात्रा में निविदा वस्तु की आपूर्ति में पर्याप्त स्थानीय क्षमता और प्रतिस्पर्धा थी और इसलिए सार्वजनिक खरीद इस मद में से केवल श्रेणी- I स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं तक ही सीमित है।”

    शनिवार को प्रकाशित नई निविदा ने अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन विनिर्देशों के अनुसार ट्रेन सेट के लिए तीन चरण प्रणोदन और घटकों के लिए उपकरणों के डिजाइन, विकास, निर्माण और आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित की गयी हैं।

    हालांकि वंदे भारत ट्रेन को “मेक इन इंडिया” मिशन के सबसे सफल उत्पादों में से एक के रूप में मनाया गया था लेकिन यह अधिक रेक के उत्पादन को रोकने के लिए सुरक्षा से समझौता करने के आरोपों पर विवाद में पड़ गया है। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है कि पहले दो रेक बनाने में एक कंपनी का पक्ष लिया गया था जिसके कारण रेलवे के सतर्कता अधिकारियों ने कई अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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