बिजली एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के.सिंह ने बुधवार को मीडिया से रूबरू होते हुए इस बात की जानकारी दी कि भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 2022 तक 2,00,000 मेगावाट की क्षमता हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि मार्च 2018 तक 21,000 मेगावाट तक सौर एवं पवन ऊर्जा क्षमता की नीलामी की जाएगी।
जबकि इसी महीने के तीसरे और चौथे चरण में पवन ऊर्जा क्षमता के क्षेत्र में 3,000 से 4,000 मेगावाट क्षमता की नीलामी की जाएगी। जब प्रत्येक चरण में 1500—2000 मेगावाट क्षमता तक की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए नीलामी की जाएगी।
पवन-सौर ऊर्जा नीलामी की रूपरेखा के लिये आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर.के.सिंह ने कहा कि पवन ऊर्जा की दूसरी नीलामी के तहत अक्षय ऊर्जा की खरीद के लिए यूपी, बिहार, पंजाब, असम, झारखंड, ओड़िशा तथा गोवा की बिजली कंपनियों के अतिरिक्त भारतीय सौर ऊर्जा निगम ने बिजली ब्रिकी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
पवन ऊर्जा क्षेत्र
सरकार ने इस साल 2,000 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएं लगाने को लेकर पहले और दूसरे चरण में नीलामी की। सरकार ने 2022 तक 60,000 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने का जो लक्ष्य रखा उसके लिए साल 2018-19 तथा 2019-20 में क्रमश: 10,000-10,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की नीलामी करेगी। मौजूदा समय में पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता 32,000 मेगावाट है।
सौर ऊर्जा क्षेत्र
सरकार ने मार्च 2018 तक 17,000 मेगावाट क्षमता सौर ऊर्जा सृजित करने का लक्ष्य रखा है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अब 3600 मेगावाट क्षमता वाली परियोजनाओं की नीलामी की जा चुकी है। केंद्र सरकार 2022 तक क्रमश: 2018-19 और 2019-20 में 30,000-30,000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए नीलामी का आयोजन करेगी।
इनमें से ज्यादातर नीलामी के लिए एसईसीआई उपलब्ध होगी। बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि भारत 2022 तक 2,00,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य हासिल कर लेगा। फिलहाल भारत में अक्षय ऊर्जा की क्षमता 1,75,000 मेगावाट है। उन्होंने कहा कि भाखरा नांगल बांध जैसे जलाशयों में सौर परियोजनाएं तथा तमिलनाडु और गुजरात में पवन ऊर्जा परियोजनाएं लगाने पर विचार किया जा रहा है।